कलेक्टर ने जनसुनवाई मे सुनी लोगों की समस्याएं

उमरिया। साप्ताहिक जनसुनवाई कार्यक्रम के तहत कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव एवं अपर कलेक्टर अशोक ओहरी द्वारा जिले भर से आए आवेदकों की जनसुनवाई की गई। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को मोबाईल पर निर्देश देकर मौके पर ही प्रकरणों का निराकरण कराया। जनसुनवाई मे करकेली जनपद पंचायत मे अनुकंपा नियुक्ति मे पदस्थ अश्वनी कुण्डे द्वारा वेतन भुगतान नही होने का आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिस पर कलेक्टर ने जानकारी प्राप्त की तो बताया गया कि प्रान नंबर नही जारी होने के कारण वेतन का भुगतान नही हो पा रहा है। कलेक्टर ने जिला कोषालय अधिकारी को जल्द से जल्द प्रान नंबर जारी कराने के निर्देश दिए। ग्राम मानपुर बरबसपुर से आए लल्ला साहू ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नही मिल पा रहा है, कलेक्टर ने तत्काल संबंधित पटवारी को मोबाईल पर निर्देश देकर प्रकरण का निराकरण करनें को कहा। ग्राम दमोय से आए बृजेंद्र मिश्रा ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलानें, चंदिया से आए विजय कुमार ने संबल योजना का लाभ दिलाने संबंधी आवेदन दिया। जनसुनवाई मे जिला आपूर्ति अधिकारी बीएस परिहार, प्रभारी उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग राजीव गुप्ता, तहसीलदार चिरामन, सतीष सोनी, सहायक पंजीयक आशीष श्रीवास्तव, एसएलआरएसजी अली, सहायक श्रम पदाधिकारी आरके गुप्ता, श्रम निरीक्षक उमाशंकर त्रिपाठी उपस्थित रहे।

शिविर मे अनुपस्थित रहने पर चार नोडल अधिकारी निलंबित
उमरिया। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान के दौरान आयोजित होने वाले शिविरो के दौरान चार नोडल अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम पंचायत सिंहपुर मे 30 सितंबर को शिविर हेतु नियुक्त किए गए नोडल अधिकारी मुकेश कुमार गौटिया जन शिक्षक केंद्र करकेली, नोडल अधिकारी रामलाल बैगा सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी पशु चिकित्सा विभाग, नोडल अधिकारी शोभनाथ साकेत पीसीओ जनपद पंचायत करकेली एवं ग्राम पंचायत दुलहरी जनपद पंचातय करकेली मे 30 सितंबर को आयोजित शिविर हेतु नियुक्त नोडल अधिकारी लल्लू प्रसाद महोबिया शिविर से अनुपस्थित पाए गए। उन्होने कहा कि सुव्यवस्थित शिविर आयोजित किए जाने हेतु नियुक्त नोडल अधिकारियों के अनुपस्थित रहने से शिविर का कार्य प्रभावित हुआ तथा आवेदनों पत्रों की फीडिंग मे विलंब हुआ। इससे स्पष्ट होता है कि उनके द्वारा अपने कार्य में रूचि नही ली जा रही है। उनका यह कृत्य उनके पदीय कर्तव्य के प्रति लापरवाही, स्वेच्छाकारिता व अनुशासनहीनता है, जो मप्र सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कदाचरण की श्रेणी मे आता है। निलंबन अवधि मे उनका मुख्यालय क्रमष: जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केंद्र उमरिया नियत किया गया है। निलंबन अवधि मे उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते देय होगा।

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