कर्मचारियों को मिला दीपावली का तोहफा

केंद्र ने 3 और मप्र ने 8 फीसदी बढ़ाया महंगाई भत्ता

नई दिल्ली/ भोपाल। केंद्र और मप्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिवाली से पहले बड़ी खुशखबरी देने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते 3 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया गया है। सरकार के इस फैसले से 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा। इससे पहले सरकार ने 14 जुलाई को महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी करने का ऐलान किया था। यह बढ़ोत्तरी भी 1 जुलाई 2021 से लागू होगी। वहीं मप्र सरकार ने काफी समय से इंतजार के बाद अपने कर्मचारियों के लिए 8 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ा दिया है। इस प्रकार कुल महंगाई भत्ता बढ़कर 20 फीसदी हो गया है। इससे पहले कुल महंगाई भत्ता 12 फीसदी मिलता था। मप्र सरकारी कर्मचारी काफी समय से महंगाई भत्ता बढ़ाने की मांग कर रहे थे। यह बढ़ोत्तरी नवंबर 2021 में भुगतान होने वाले अक्टूबर 2021 के वेतन में जुड़कर मिलेगी। कोरोनाकाल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति के कारण सरकारी कर्मचारियों को जुलाई 2020 और जनवरी 2021 में मिलने वाली वेतनवृद्धि पर भी रोक लगा दी गई थी। सरकार के मुताबिक नवंबर 2021 में भुगतान होने वाले 50 फीसदी एरियर को अक्टूबर 2021 के वेतन के साथ दिया जाएगा। जबकि लंबित वेतनवृद्धि की बची हुई राशि का पचास फीसदी, फरवरी 2022 के वेतन में जोड़ा जाएगा।
सरकार पर आएगा 980 करोड़ का भार
वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि कर्मचारियों को 8 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने पर 630 करोड़ रुपए और वेतनवृद्धि का लाभ देने पर 350 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। यही वजह है कि सरकार ने इसे दो किश्तों में देने का फैसला किया है।
केंद्रीय कर्मचारियों को 31 फीसदी
इधर, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भी गुरुवार को बड़ा फैसला हो सकता है। डीए की नई दर 17 से बढ़ाकर 28 फीसदी हो गई है। यदि आज डीए में तीन फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाती है तो केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ते की नई दर 31 फीसदी हो जाएगी। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए साल में दो बार (जनवरी और जुलाई में) महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में संशोधन होता है। लेकिन, कोरोना काल में तीन किस्तों में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
अक्टूबर से ही मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के कर्मचारी सच्चे अर्थों में कर्मयोगी हैं। कोविड काल में हमारे प्रदेश के कर्मचारियों ने जो सेवा दी है, उसको कभी भुलाया नहीं जा सकता। कोविड की दो लहरों के कारण एक तरफ हमारे राजस्व में भारी कमी आए। सभी व्यापार और उद्योग ठप्प जैसे रहे। एक तरफ खजाने में पैसा नहीं बचा। दूसरी तरफ कोविड के इलाज के लिए भारी धनराशि हमें खर्च करना पड़ी। इसलिए वेतन वृद्धि को स्थगित रखा था और महंगाई भत्ता भी नहीं बढ़ा पाए थे। इसलिए हमने फैसला किया है कि सभी शासकीय सेवकों को 20 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाएगा। यह अक्टूबर से जुड़कर मिलेगा।

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