मजाक बनी घर-घर नल-जल योजना, अधिकारियों की मिलीभगत से मची लूट
बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मानुपर। शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों मे घर-घर नल से जल पहुंचाने वाली महत्वाकांक्षी योजना ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण मजाक बन कर रह गई है। हालत यह है कि जिले मे करोड़ों रुपये की राशि व्यय होने के बावजूद कई ग्राम पंचायतों को एक बूंद पानी तक नसीब नहीं हो पा रहा है। गांवों मे बनाई गई बड़ी-बड़ी टंकियां शो-पीस बन चुकी हैं। जबकि बिना सप्लाई शुरू हुए पाइप लाइन के परखच्चे उड़ गए हैं। कई स्थानों पर तो हजारों लीटर बहुमूल्य पानी सड़कों पर बह कर नष्ट हो रहा है।
घरों की बजाय खेतों मे भर रहा पानी
जिले के लगभग तीनो जनपदों मे इस योजना का बुरा हाल है। मानपुर तहसील के बचहा, सलैया, सुखदास, मुडगुडी, पडवार आदि गांवों मे अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिल कर सरकारी धन की जम कर बंदरबांट की है। ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण एजेंसी द्वारा टंकी से मोहल्ले तक इतने घटिया क्वालिटी की लाइन बिछाई है कि अभी से जगह-जगह पाइप फट गए हैं। जिससे पानी घरों की बजाय लोगों के खेतों और आम रास्तो मे बह रहा है। इस अव्यवस्था के कारण योजना का फायदा नहीं मिल पा रहा है, और लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं।
नहीं होती नियमित मॉनिटरिंग
उल्लेखनीय है कि नल से घर-घर जल पहुंचाने के योजना सरकार की प्राथमिकताओं मे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संसद, विधानसभा और सार्वजनिक सभाओं मे नल द्वारा ग्रामीणों के घरों तक पानी पहुंचाने का बखान करते रहते हैं, परंतु वस्तुस्थिति कुछ और ही बयां करती है। इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जल निगम की है। सूत्रों के मुताबिक निगम के पास जमीनी अमले की संख्या नगण्य है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी नियमित रूप से कार्य की मॉनिटरिंग नहीं करते। लिहाजा करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट सिर्फ ठेकेदारों के मत्थे चल रहे हैं, जो लत्ता-लपेटी कर सरकारी पैसा हड़प करते जा रहे हैं।
सड़कें भी तोड़ी, पानी भी नहीं मिला
जिले की कई ग्राम पंचायतों मे ठेकेदारों ने लाखों रुपये की लागत से बनवाई गई सड़कों को तोड़ कर आनन-फानन मे पाइप लाइने बिछा तो दीं, पर उन्हें ठीक से जोड़ा तक नहीं। जिसकी वजह से वे या तो चोक हो गई या टूट कर बर्बाद हो गई। बताया गया है कि अधिकांश जगहों पर खोदाई, पाइप लाइन, सामग्री तथा उन्हें बिछाने के कार्य का भुगतान ठेकेदारों को कर दिया गया है। अब हालत ये है कि गांव की सड़कें भी टूटी पड़ी हैं और जनता को पानी भी नसीब नहीं हो रहा है।
सरपंच-सचिव से मांग रहे एनओसी
यह भी शिकायतें सामने आई हैं, कि ठेकेदार ग्राम पंचायतों मे बिना कार्य पूर्ण हुए ही भुगतान निकलवाने की फिराक मे हैं, इसके लिए सरपंच-सचिवों को प्रलोभन देकर एनओसी ली जा रही है। कई भ्रष्ट सरपंच, सचिवों ने इस तरह के प्रमाण पत्र जारी भी कर दिए हैं, जो कि जनता व शासन के सांथ धोखाधड़ी के साथ एक आपराधिक कृत्य भी है।
विभागीय पुष्टि और ग्रामसभा का अनुमोदन जरूरी
उमरिया जिले मे कई स्थानों पर नल-जल योजना मे गुणवत्ताहीन कार्य होने की शिकायतें सामने आई हैं। जिनमे जांच और कार्यवाही जारी है। योजना के अंतर्गत हुए काम का अनुमोदन ग्रामसभा द्वारा किये जाने तथा विभागीय पुष्टि के बिना कोई भी भुगतान नहीं किया जाएगा।
संजय वाधवा
महाप्रबंधक, जल निगम
करोड़ों रुपये बहे, पर नहीं पहुंचा पानी
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