चुनाव आयोग के आदेश को दी चुनौती
भोपाल। मध्यप्रदेश उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारक का दर्जा रद्द करने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने चुनाव आयोग (ईसीआई) के आदेश को चुनौती दी है। कमलनाथ ने कहा मुझे मध्यप्रदेश के मतदाताओं और जनता पर पूरा विश्वास है, खास कर के इन २८ सीटों पर। जो यह सौदे की सरकार है, नवंबर २०१८ में जनता ने भाजपा को विदा कर दिया था, शिवराज को घर बिठाया था। कौन सी चीज बदली है, सात महीने में। भाजपा ने केवल सौदेबाजी की, किसान और त्रस्त हुआ, बेरोजगारी बढ़ी। जनता इसे नहीं समझती क्या, तो जनता इसका फैसला करेगी। हमारे मध्यप्रदेश के मतदाता सीधे-सादे हैं, भोले-भाले, गरीब हैं, पर बहुत समझदार हैं। वह सही निर्णय करेंगें। स्टार प्रचारक का दर्जा छीने जाने को लेकर उन्होंने आगे कहा स्टार प्रचारक का कौन सा पद, कौन सा कद होता है। चुनाव आयोग ने मुझे कोई नोटिस नहीं दिया, मुझे पूछा नहीं, तो ये कौन कर रहा है, आखिरी दो दिनों में, वो जाने उनका काम जाने। कमलनाथ ने आइटम वाले बयान का बचाव करते हुए कहा मैं इतने साल लोकसभा में रहा। लोकसभा की शीट पर, एजेंडे में लिखा रहता है, आइटम नं १, २… मेरे दिमाग में वो रहा। मैंने किसी के प्रति दुर्भावना से या किसी को अपमानित करने के लिए नहीं बोला था। क्योंकि ये आइटम शब्द से मैं बहुत परिचित रहा हूं, लोकसभा और विधानसभा में। और मैंने ये कहा कि अगर कोई अपमानित महसूस करता है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने पूर्व मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सीएम कमलनाथ के स्टार प्रचारक के पद को रद्द करने को अनुचित बताया है। उन्होंने कहा है कि उम्मीदवारों के बीच इस तरह की व्यंग्यात्मक टिप्पणियां दुनिया भर में चुनाव प्रचार में देखने को मिलता है, जिसमें अमेरिका भी शामिल है।