कमलनाथ के बचाव में उतरी कांग्रेस

शिवराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने थाने पहुंचे कार्यकर्ता
भोपाल । नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर एक दिन पहले हुई दर्ज एफआईआर के विरोध में कांग्रेसी लामबंद हो गए हैं। भोपाल इंदौर से लेकर प्रदेश के कई शहरों में आज कांग्रेस के नेताओं ने पुलिस थानों में सीएम शिवराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया। भोपाल में कांग्रेस के प्रतिनिधि दल ने भोपाल क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचकर सीएम शिवराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत की। कांग्रेस नेता एनपी प्रजापति, विजय लक्ष्मी साधौ, जीतू पटवारी, पीसी शर्मा समेत कई कांग्रेस नेताओं ने कोविड-19 से हुई मौतों के झूठे आंकड़े बताने पर मुख्यमंत्री पर एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया। कांग्रेसियों ने पुलिस को श्मशान घाट के आंकड़ों और अखबारों की कटिंग सबूत के तौर पर सौंपी। कांग्रेस ने सरकार पर कोरोना वायरस के इलाज के लिए इंतजाम नहीं करने का आरोप लगाया।
एफआईआर निरस्त करने की मांग
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कमलनाथ के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर निरस्त करने की भी मांग की। पी सी शर्मा ने कहा कमलनाथ ही नहीं सरकारी दस्तावेज में भी कोरोना वायरस वैरीयंट होने का जिक्र है। ऐसे में कमलनाथ के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा विपक्ष सरकार से सवाल पूछता है लेकिन अब सरकार विपक्ष से सवाल पूछ रही है। अगर शिवराज सरकार के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ तो हम कोर्ट जाएंगे।
शिवराज ने कोरोना को गंभीरता से नहीं लिया
शिवराज ने इस कोविड काल को गंभीरता से नहीं लिया। इसी कारण कोविड से पीडि़त मरीजों को अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, इंजेक्शन नहीं मिल पाया। इस खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण मौतों का आंकड़ा बढ़ता गया और सरकार आंकड़ों को छुपाती रही। जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए मुख्यमंत्री दोषी हैं। इन पर गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
श्मशान और कब्रिस्तान के आंकड़े
शमशान व कब्रिस्तान से प्राप्त आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं। जैसे- भदभदा विश्राम घाट में 2402, सुभाष नगर विश्राम घाट में 1222, बैरागढ़ विश्राम घाट में 68, झदा कब्रिस्तान में 352 व बड़ा बाग कब्रिस्तान में 550 लोगों का अंतिम संस्कार हुआ है। इस तरह, यदि भोपाल शहर का यह हाल है, तो प्रदेश का क्या होगा? जबकि सिर्फ भोपाल में ही 4394 मृत्यु हुई हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार भोपाल में भाजपा सरकार 895 मृत्यु बता रही है। प्रदेश में कोरोना से करीब 7,394 मौतों के आंकड़े शासन द्वारा पेश किए जा रहे हैं, जबकि सिर्फ भोपाल शहर में कोविड व नॉन कोविड से 7000 लोगों की मृत्यु हुई है।
इलाज की भी व्यवस्था नहीं की
प्रदेश में इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है। भोपाल में ब्लैक फंगस के सैकड़ों मरीज दवाई और इंजेक्शन के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं और कईं लोगों की मौत हो चुकी है। जिसके लिए सीधे-सीधे शिवराज जिम्मेदार हैं। समाचार पत्रों, सोशल मीडिया और वैज्ञानिकों द्वारा बराबर संदेश दिए जा रहे थे कि स्थिति भयानक होने वाली है, परंतु मुख्यमंत्री ने अपनी हट धर्मिता के चलते किसी भी तरह की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की। लगातार कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों को प्रदेश वासियों से छिपाते रहे फलस्वरूप मध्यप्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्यु का तांडव पूरे प्रदेश में बढ़ता गया।

सोनिया गांधी सहमत नहीं हैं तो कार्यवाही करें: शिवराज

कमलनाथ पर मामला दर्ज होने के बाद अब कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला किया है। भोपाल के साथ प्रदेशभर में कांग्रेस ने पुलिस को ज्ञापन देकर शिवराज सिंह के खिलाफ शिकायत की है। भोपाल में कांग्रेस के पूर्व मंत्री और विधायकों ने सोमवार को क्राइम ब्रांच भोपाल में मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत की। शिवराज सिंह पर धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करनेे की मांग की गई। एक दिन पहले ही प्रदेशभर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने इंडियन कोरोना वाले बयान पर कमलनाथ के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की थी। इसके बाद देर रात कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। दूसरे दिन भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, होशंगाबाद, कटनी, सागर, उज्जैन, मुरैना, खंडवा, गुना समेत प्रदेश के अन्य जिलों में कांग्रेस एकजुट हो गई है। प्रदेशभर में कांग्रेसियों ने पुलिस को शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ शिकायत की है। साथ ही, कमलनाथ पर दर्ज केस वापस लेने की मांग की है। इंदौर में पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, जीतू पटवारी के नेतृत्व में एसपी से शिकायत की गई। यहां सीएम का पुतला भी जलाया गया। शिकायत में कहा गया है- आम लोगों से सच छिपाया जा रहा है। वर्ष 2021 के प्रारंभिक दौर में जैसे ही कोरोना की दूसरी लहर ने प्रदेश में पैर पसारना शुरू किए थे। शुरुआती दौर में स्थिति इतनी भयावह नहीं थी। दूसरी लहर आने के बाद शिवराज उपेक्षापूर्ण व्यवहार करते रहे हैं। उनके इशारे पर कोरोना पीड़ितों की संख्या को छिपाया गया है। यहां तक कि श्मशान घाट व कब्रिस्तानों में हुए दाह संस्कारों की संख्या हजारों में रही, लेकिन इसे छिपाया जा रहा है। लोगों से सच छिपाने के लिए शिवराज के ऊपर धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *