कमजोर न हो ”नेकी की दीवार”

कमजोर न हो नेकी की दीवार
संस्थान मे सामग्री की आवक कम होने से समाजसेवी चिंतित, कर रहे अपील
उमरिया। जिला मुख्यालय मे संचालित नेकी की दीवार मे दानदाताओं की उदासीनाता से समाजसेवी चिंतित हैं। इन दिनो संस्थान मे जरूरतमंद तो खूब पहुंच रहे हैं, पर उनके लिये आवश्यक सामग्री नहीं मिल पा रही है। गौरतलब है कि करीब तीन वर्ष पूर्व राज्य आनंदम संस्थान के तहत जरूरत से ज्यादा छोड़ जांय, जरूरत वाले ले जांय की थीम पर जिला प्रशासन द्वारा नेकी की दीवार नामक मुहिम शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य संपन्न लोगों से घरों मे बचने वाले अनुपयोगी सामान जैसे कंबल, रजाई, स्वेटर, शाल, शर्ट, फुलपेंट आदि सामग्री को एकत्रित करना तथा उन्हे गरीबों और जरूरतमंदों को निशुल्क वितरित करना है। सबसे पहले यह संस्थान बस स्टेण्ड मे खोला गया, पर वहां इसे ज्यादा सफलता नहीं मिली। कुछ दिनो बाद स्टेशन रोड स्थित शापिंग काम्पलेक्स के बरामदे मे इसका पुन: शुभारंभ किया गया। इस बार इसे चलाने वाले भी मिले और पर्याप्त दान-दाता भी, इसी की वजह से प्रशासन की यह पहल परवान चढऩे लगी। बताया गया है कि अब तक नेकी की दीवार मे लगभग 35 हजार से ज्यादा कपड़ों का आदान प्रदान किया गया है।
मदद के लिये उठते हांथ
जरूरतमंदों को राहत दिलाने के लिये शुरू की गई नेकी की दीवार मुहिम खासा विख्यात है। इसमे अपना योगदान देने कई नामी गिरामी लोग आगे आये हैं। कलकत्ता के एक व्यापारी तो नये कपड़े खरीद कर उन्हे दान स्वरूप प्रदान करते चले आ रहे हैं।
टॉप-5 मे शुमार उमरिया का संस्थान
इस पहल को सुचारू बनाने के लिये जिले के वरिष्ठ शिक्षक सुशील मिश्रा एवं बाला सिंह टेकाम को शासन द्वारा प्रशिक्षित कराया गया है। कार्यक्रम के नोडल सुशील मिश्रा ने बताया कि नेकी की दीवार प्रदेश के कई जिलो मे संचालित की गई है। जिनमे उमरिया का संस्थान नकेवल बेहद कारगर साबित हुआ बल्कि यह प्रदेश के टॉप-5 मे शुमार हो गया है।
निशुल्क सेवा दे रहे नागरिक


शॉपिंग काम्पलेक्स मे नेकी की दीवार की सफलता के पीछे पर्याप्त स्थान, दानदाताओं की उदारता के अलावा नागरिकों की निशुल्क सेवा भी है। ऐसे ही एक नागरिक हुकुमचंद सोनी हैं, जो बीते दो सालों से संस्थान मे अपनी सेवायें दे रहे हैं। इसी सेवाभाव के कारण प्रशासन द्वारा श्री सोनी को सम्मानित भी किया गया है। इसके अलावा युवा समाजसेवी दीपक दर्दवंशी सहित कई ऐसे लोग हैं जो इस महान कार्य को अनवतर रखने मे अपना योगदान दे रहे हैं।
सामान का दान करें नागरिक
सामग्री की आवक कम होते ही समाजसेवी हुकुमचंद सोनी नागरिकों से मदद मांगने निकल पड़ते हैं। बांधवभूमि से चर्चा करते हुए उन्होने बताया कि ठंड के सीजन मे कपड़ों की मांग बढ़ जाती है, वहीं आवक घटने लगती है। उन्होने जिले के सभी संपन्न नागरिकों एवं प्रबुद्धजनो से अपने घरों मे रखे अनुपयोगी सामग्री का दान करने की अपील की है। जिससे गरीबों को ठंड से राहत दिलाई जा सके।

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