बेवजह घंटों किया जा रहा खड़ा, अफसरों की मनमानी से बेहाल हो रहे यात्री
बांधवभूमि, उमरिया
संभाग से गुजरने वाली यात्री गाडिय़ां एक बार फिर कटनी के रेलवे अधिकारियों की मनमानी का शिकार हैं। कटनी क्षेत्र मे प्रवेश करते ही गाडिय़ों की दुर्दशा शुरू हो जाती है। एक बार फंसने के बाद कटनी और न्यू कटनी के तिलस्म से मुक्त हो पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। हालत यह है कि इन स्टेशनो तथा इनके आउटरों पर गाडिय़ों को बिना किसी कारण के घंटों खड़ा किया जा रहा है। गत 21 मई को छपरा से दुर्ग जाने वाली 15159 सारनाथ एक्सप्रेस लगभग सही समय पर कटनी पहुंच गई, जहां इसे करीब 4 घंटे तक खड़ा किया गया। यह गाड़ी बड़ी मुश्किल से 12 बजे के बाद यहां से निकल पाई। इसी तरह 18235 कटनी-बिलासपुर ट्रेन कटनी मुड़वारा 9 बजे पहुंच गई, जो यहां से बमुश्किल 12.05 बजे रवाना तो हुई, पर इसे न्यू कटनी के बीच कई बार रोका गया। नतीजन ट्रेन 5 घंटे लेट हो गई।
नहीं कोई धनी-धोरी
भीषण गर्मी मे ट्रेनो की लेटलतीफी से यात्रियों की हालत बद से बदतर हो गई है। गाडिय़ों के कटनी आने के बाद लोग उमरिया स्टेशन पर पहुंच जाते हैं, परंतु करीब 40 मिनट की यह दूरी धीरे-धीरे पहाड़ बन जाती है। मजे की बात यह है कि इस समस्या को लेकर कोई भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि विरोध करना तो दूर अपना मुंह तक खोलने को तैयार नहीं है। ऐसा लगता है कि यात्रियों का कोई धनी-धोरी ही नहीं है। यही कारण है कि कटनी मे बैठे अधिकारी निर्भयतापूर्वक गाडिय़ों को रोक कर तमाशा कर रहे हैं।
सोची-समझी साजिश तो नहीं
कटनी तथा मुड़वारा से बिलासपुर को जाने वाली लगभग हर गाड़ी के सांथ यही कहानी दोहराई जा रही है। इसके पीछे कौन सा कारण है, इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। हलांकि जानकार इसे सोची-समझी साजिश बता रहे हैं। उनका मानना है कि भारतीय रेल पर लंबे समय से धन्ना सेठों की नजर है। जनता मे सरकार व्यवस्था के प्रति अविश्वास पैदा करने के लिये ट्रेनो को लेट किया जा रहा है, ताकि लोगों मे रेलवे की छवि खराब हो यह मानसिकता निर्मित हो जाय कि इसे अब निजी हाथों मे सौंप देना चाहिये।
इतनी देर से उमरिया पहुंची ट्रेने
कटनी से बिलासपुर की ओर जाने वाली ट्रेने काफी देरी से चल रही हैं। जिला मुख्यालय उमरिया मे रात 10.09 बजे आने वाली छपरा-दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस 1.57 बजे पहुंची। जबकि 9.15 बजे आने वाली भोपाल-बिलासपुर रात 2.10 बजे आई। 22 तारीख को भोपाल-दुर्ग अमरकण्टक एक्सप्रेस रात 12.31 की बजाय 2.41 बजे, सुबह 3.46 पर आने वाली उत्कल 5.10 बजे, नवतनवा-दुर्ग 4.56 के स्थान पर 11.03 और बरौनी-दुर्ग करीब 7 घंटे देरी से आई।
उत्कल एक्सप्रेस दो दिन रद्द
इस बीच देरी के कारण पेयरिंग रैक उपलब्ध न होने के कारण आज 22 तारीख को पुरी से चलने वाली गाड़ी संख्या 18477 पुरी-योग नगरी ऋषिकेश उत्कल एक्सप्रेस रद्द रही। जानकारी के अनुसार आगामी 24 मई को योग नगरी ऋषिकेश से चलने वाली ट्रेन नंबर 18478 उत्कल एक्सप्रेस भी रद्द रहेगी।
कटनी के ‘तिलस्म’ मे फंसी ट्रेने
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