3 दिन बाद भी 100 शवों की पहचान नहीं
भुवनेश्वर/बालासोर। बालासोर ट्रेन हादसे की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली है। एजेंसी की 10 सदस्यीय टीम ने मंगलवार को घटनास्थल का दौरा किया। इसके बाद सीबीआई ने मामले में केस दर्ज किया है। उधर, हादसे में मरने वाले 278 लोगों में से 101 शवों की पहचान नहीं हो पाई है।डीआरएम भुवनेश्वर रिंकेश रॉय ने मंगलवार को बताया कि घायल 1100 लोगों में से 900 को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में करीब 200 लोगों का इलाज चल रहा है। रेलवे ने दुर्घटना में प्रभावित लोगों के परिवारों की मदद के लिए ओडिशा सरकार के साथ मिलकर ऑनलाइन लिंक जारी किए हैं। इनमें मृतकों की तस्वीरें और तमाम अस्पतालों में भर्ती यात्रियों की लिस्ट दी गई है। बीएमसी की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर 1929 पर अब तक 200 से ज्यादा फोन आ चुके हैं। शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंपा जा रहा है।
रेलवे ने सिस्टम सुधार का आदेश दिया
आने वाले समय में बालासोर जैसे हादसे न हो, इसके लिए रेलवे ने सिस्टम सुधारने का आदेश दे दिया है। सिग्नलिंग से लेकर लॉकिंग सिस्टम की जांच की जाएगी। वहीं, स्टेशन मास्टर और कंट्रोल रूम सेंटर में लगे सभी उपकरणों का रिव्यू किया जाएगा।
रेलवे ने सुधार के लिए 3 कदम उठाए
ट्रिपल ट्रेन हादसे के तीन दिन बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने बहानगा बाजार स्टेशन के सिग्नल रूम और कंट्रोल रूम का दौरा किया। साथ ही स्टेशन के प्रभारी सहायक स्टेशन प्रबंधक से पूछताछ की। मीडिया रिपोट्र्स में कहा गया है कि रेल मंत्रालय ने देशभर के रेलवे स्टेशन पर सिग्नलिंग सिस्टम और डबल लॉकिंग सिस्टम की सुरक्षा जांच करने का आदेश जारी किया है। इसके तहत एक हफ्ते तक अभियान चलाया जाएगा। रिले रूम में एंट्री को लेकर सख्ती और सावधानी बरतने के आदेश भी दिए गए। अभियान में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जब भी स्टेशन पर सिग्नलिंग रिले रूम खुले और बंद हों, तो एसएमएस अलर्ट जनरेट करने की प्रणाली ठीक से काम करे। निर्देश में कहा गया है कि स्टेशन सीमा के साथ सभी केबिन हाउसिंग सिग्नलिंग उपकरण की जांच हो और डबल लॉकिंग की व्यवस्था ठीक की जाए। रिले रूम से सिग्नल सिस्टम को संचालित किया जाता है। यह रूम दो चाबी से खुलता है। एक चाबी स्टेशन मास्टर और दूसरी चाबी सिग्नल मास्टर के पास होती है। जब भी रिले रूम का लॉक खोला या बंद किया जाता है तो संबधित अधिकारियों को एसएमएस अलर्ट भेजा जाता है। जांच अभियान में सभी 19 जोन शामिल रहेंगे।