ऑनलाईन व्यापार ने तोड़ी ग्रांहकी

ऑनलाईन व्यापार ने तोड़ी ग्रांहकी

आधा हुआ जिले का कारोबार, त्यौहारों के बावजूद नहीं आ रहा धंधे मे उठाव

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश, उमरिया
नोटबंदी तथा वैश्विक महामारी कोरोना के बाद से व्यापार भीषण आर्थिक मंदी की चपेट मे है। उस पर ऑनलाईन कारोबार ने दुकानदारों के सामने बड़ी समस्या पैदा कर दी है। हालत यह है कि किराने से लेकर कपड़ा, दवाईयां, जूते, घडिय़ां, मोबाईल, बैग, चश्मे तथा रोजमर्रा उपयोग मे आने वाली लगभग सभी प्रकार की सामग्री मोबाईल पर उपलब्ध है। जिसे कंपनियां घर पहुुंचा कर दे रही हैं। इसका असर बाजार पर भी पड़ा है। दुकानो मे ग्रांहकी धीरे-धीरे कम हो रही है। आलम यह है कि त्यौहारी सीजन मे भी धंधे मे उठाव नहीं आ रहा है।

बिना लागत के करोड़ों का फायदा
जिले के व्यापारियों का कहना है कि ऑनलाईन कारोबार करने वाली कम्पनियां सीधे निर्माताओं अथवा स्टाकिस्ट से माल लेकर ग्रांहक को दे देती हैं। उन्हे ना तो दुकान का किराया लगता है और नां ही अन्य खर्च। जबकि दुकानदारों को सामान की स्टाकिंग के सांथ कर्मचारी, बिजली बिल, टेक्स, बैकों का ब्याज आदि कई तरह का बोझ सहना पड़ता है, तब जा कर मुश्किल से व्यापार हो पाता है। कुल मिला कर ऑनलाईन व्यापार करने वाली कंपनियां बिना लागत के रोजाना लाखों का वारा-न्यारा कर रही हैं। उनके द्वारा कितना जीएसटी लिया जा है, और कितना शासन के खाते मे जमा हो रहा है, यह किसी को नहीं पता। कुल मिला कर यह पद्धत्ति भारत जैसे गरीब और बेरोजगारी वाले मुल्क के लिये कहीं से उचित नहीं है।

सिर्फ कुछ लोगों का फायदा
कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि व्यापारी दिन भर दुकानदारी कर अपना व अपने सांथ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का भी परिवार पालता है। वहीं टेक्स वसूल कर सरकार का खजाना भी भरता है। इतना ही नहीं बाजार मे बिकने वाले सामान के कारण हम्माल, आटो, रिक्शा संचालक, ट्रांसपोर्टर के अलावा कई लोगों का पेट चलता है। जबकि ऑनलाईन कारोबार मे कमाई सिर्फ कम्पनी और कोरियर वालों के बीच बंटती है। कारोबारियों ने बताया कि नेता और सरकार के मंत्री आये दिन स्थानीय बाजारों से सामान खरीदने की अपील आमलोगों से करते हैं, परंतु शासन स्तर पर ऑनलाईन व्यापार रोकने की पहल नहीं करते, यह उनका दोहरा मापदंड है। सरकार को तत्काल इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिये।

स्थानीय दुकानो से खरीदें सामग्री: कैट


व्यापारिक संस्था कनफेडरेशन ऑफ  ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के जिलाध्यक्ष कीर्ति कुमार सोनी ने बताया की ग्राहकों के ऑनलाइन शिफ्ट होने से स्थानीय व्यापारियों के लिये चुनौतियां बढ़ी हैं। उन्होने नागरिकों से आग्रह किया कि वे वही चीज ऑनलाइन खरीदें जो शहर मे नहीं मिलती या जिनकी कीमतें बहुत ज्यादा है। शेष सामान की खरीदी स्थानीय व्यापारियों से ही करें। श्री सोनी ने कहा कि त्योहारों के बाद शादियों और नए साल का सीजन आ रहा है। जिसके कारण बाजार मे अच्छा कारोबार होने की संभावना है। इससे न केवल व्यापार मजबूत होगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था भी बेहतर होगी। कैट ने सभी व्यापारियों से चुनाव मे अनिवार्य रूप से मतदान की अपील भी की है।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *