असम में गरजे मोदी, कांग्रेस ने पहुंचाई राज्य को क्षति
करीमगंज । चुनावी माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को असम के करीमगंज में एक रैली में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने जनता से एक बार फिर भाजपा को मौका देने की अपील की और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दशकों पहले इस पूरे क्षेत्र का संपर्क कहीं बेहतर था। लेकिन, कांग्रेस के भ्रष्टाचार और वोट बैंक पर आधारित राजनीति ने असम को भारत के सबसे कटे राज्यों में से एक बना दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों और उनकी नीतियों ने असम को सामाजिक, सांस्कृतिक, भौगोलिक और राजनीतिक रूप से क्षति पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि साल 2016 में जब मैं यहा आया था, मुझे यह जानकर झटका लगा था कि कांग्रेस की सरकारें बराक घाटी के लिए संभागीय आयुक्त को गुवाहाटी से चला रही थीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार ने राज्य में इस अन्याय को समाप्त किया है।
कांग्रेस ने असम को तोड़ा भाजपा ने जोड़ा
पीएम मोदी ने कहा, आज एक तरफ भाजपा की नीति है, भाजपा का नेतृत्व है और भाजपा की नेक नीयत है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस है, जिसके पास न तो नेता हैं, न ही नीति है और न ही विचारधारा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने असम को हर प्रकार से विभाजित रखा तो भाजपा ने असम को हर प्रकार से जोड़ने करने का प्रयास किया। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ यही भाजपा का विकास मंत्र है।
चाय बागान कर्मियों के लिए हो रहे प्रयास
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में चाय बागानों में काम करने वाले जो साथी हैं, उनके विकास के लिए असम की सरकार विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि असम की भाजपा सरकार ने लाखों भूमिहीन साथियों को पट्टे दिए हैं, बच्चों की पढ़ाई के लिए नए स्कूल खोले हैं और ये काम लगातार चल रहा है। दशकों से नॉर्थईस्ट को जिस तरह विकास में नजरअंदाज किया गया, भाजपा सरकारें उसे मिलकर सुधार रही हैं।कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस इतनी कमजोर हो गई है कि किसी भी हद तक जा सकती है और किसी के साथ भी हाथ मिला सकती है। ये विचित्र स्थिति आज पूरा देश देख रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जिन वामपंथियों के साथ वो लाल-सलाम कर रहे हैं, उन्हीं के साथ केरल में नूरा-कुश्ती चल रही है। एक राज्य में जिसे गाली देते हैं, दूसरे राज्य में उसे गले लगाते हैं।प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जिस पार्टी की सोच ही स्थिर न हो, वो क्या असम में स्थिर सरकार दे पाएगी? यहां असम में देखिए, कांग्रेस किसके भरोसे मैदान में है? जिन लोगों की राजनीति से यहां के कांग्रेस कार्यकर्ता दशकों से लड़ रहे हैं, जूझ़ रहे हैं, आज कांग्रेस का हाथ उसी ताला-चाबी को लेकर घूम रहा है। इस बार का आपका वोट, असम के लोकल टेलेंट को, लोकल आर्ट को, लोकल सामान के प्रति वोकल होने के लिए है।