एनडीए का मतलब ‘नो डेटा अवेलेबल सरकार’

मोदी के टुकड़े-टुकड़े गैंग बयान पर चिदंबरम का पलटवार
नई दिल्ली।  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को आम बजट पर चर्चा के दौरान केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाने साधे। उन्होंने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी हमला बोला, जिसमें मोदी ने कांग्रेस को टुकड़े-टुकड़े गैंग करार दिया था। चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस को धन्यवाद दिया जाना चाहिए, जिसके कारण वह राज्यसभा में बोल पा रहे हैं। चिदंबरम ने कहा, ‘‘सदन में कांग्रेस नेताओं को टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य बताया गया। लेकिन मैं इससे निराश नहीं हूं। इसी संसद में प्रश्न किया गया था कि टुकड़े टुकड़े गैंग के कौन कौन सदस्य हैं? माननीय मंत्री ने कहा कि हमारे पास टुकड़े-टुकड़े गैंग के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए एनडीए को नो डाटा अवेलेबल (कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है) सरकार बता दिया। इसके बाद उन्होंने अलग-अलग मुद्दों पर आंकड़ों की अनुप्लबधता को लेकर सवाल खड़े किए। कांग्रेस नेता ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मौतों के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, नदियों में बहने वाले शवों के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, कितने प्रवासी अपने घरों तक पैदल चल कर गये, इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, जो काम 2022 में किया जाना था।
राजकोषीय घाटे को लेकर कसा सरकार पर तंज
उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में वित्त मंत्री ने 6.8 प्रतिशत का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को इसके लिए उन्होंने आगाह भी किया था, लेकिन वित्त मंत्री ने तब कहा था कि हम इससे बेहतर करेंगे। चिदंबरम ने कहा कि वास्तव में यह आंकड़ा 6.9 प्रतिशत रहा। चिदंबरम ने कहा कि विनिवेश के लिए एक लाख 75 हजार करोड़ रूपये का लक्ष्य तय किया गया था। उन्होंने कहा कि वह सरकार के आभारी हैं कि इस लक्ष्य में मात्र 75 हजार करोड़ रूपये ही एकत्र किए गए। उन्होंने कहा कि 2021-22 के बजट अनुमान में 5,54,236 करोड़ रूपये का पूंजीगत व्यय रहने की बात कही गई थी। पूंजीगत व्यय से विकास को गति मिलेगी।
एयर इंडिया को लेकर भी दिया बयान
चिदंबरम ने कहा कि संशोधित अनुमान एक सुखद आश्चर्य के रूप में आया, जिसमें इसे बढ़ाकर 6,02,711 करोड़ रूपये बताया गया। उन्होंने कहा कि इसमें एयर इंडिया के एक बार में होने वाले ऋण भुगतान के लिए दी गई 51,971 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी। उन्होंने सवाल किया कि एयर इंडिया को दी गयी राशि पूंजीगत व्यय कैसे हो सकती है? उन्होंने सरकार के पूर्व बजट में कुछ ट्रेनों के निजीकरण समेत कई घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन संबंध में कुछ नहीं किया गया। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी की नीति तीन डब्ल्यू पर आधारित हैं अर्थात वर्क (कार्य), वेलफेयर, (कल्याण) और वेल्थ (संपत्ति)। उन्होंने कहा कि हम संपत्ति के निर्माण के विरुद्ध नहीं हैं किंतु वर्क यानी नौकरियां भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था और सरकार को हमें (संसद) को यह बताना चाहिए कि कितनी नौकरियां सृजित की गयी?

गति शक्ति योजना पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता ने कहा कि बजट भाषण में गति शक्ति के जरिए पांच साल में 60 लाख रोजगार सृजित करने की बात की गयी है यानी एक वर्ष में 12 लाख। उन्होंने कहा कि देश में हर वर्ष कार्य बल में 49.5 लाख लोग नये जुड़ जाते हैं। उन्होंने पूछा कि यदि केवल 12 लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे तो बाकी लोग क्या ‘पकौड़े तलेंगे?’ उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े देते हुए कहा कि सरकार विकास की तेज रफ्तार की बात कर रही है किंतु आंकड़े देखकर सवाल उठता है कि देश का विकास क्या वहीं पहुंचने के लिए हो रहा है जहां से हमने शुरू किया था। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि दो साल में देश ने लाखों नौकरियां गंवाईं और 60 लाख एमएसएमई बंद हुए। उन्होंने कहा कि परिवारों की आय और प्रति व्यक्ति आय में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम एवं अन्य वस्तुओं पर सब्सिडी घटा दी गई।

रोजगार हायरिंग की रफ्तार हुई तेज:पीएम
 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश में रोजगार और हायरिंग को लेकर राज्यसभा में अपनी सरकार का पक्ष रखा।उन्होंने कहा कि कोरोना पाबंदियां हटने के बाद हायरिंग की रफ्तार तेज हुई है। राज्यसभा में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कितनी जॉब क्रिएट हुई हैं, इसके लिए ईपीएफओ पेरोल सबसे विश्वस्त माध्यम माना जाता है। उन्होंने बताया कि साल 2021 में लगभग एक करोड़ 20 लाख नए लोग ईपीएफओ के पेरोल पर जुड़े। ये सारे फॉर्मल जॉब्स हैं। इनमें से भी 60-65 लाख 18 से 25 साल के आयु के हैं। इसका मतलब यह है कि यह उम्र पहली जॉब की है। यानी पहली बार जॉब मार्केट में उनका प्रवेश हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि कोरोना के पहले की तुलना में पाबंदियां खुलने के बाद हायरिंग दोगुनी बढ़ गई है। नैस्कॉम की रिपोर्ट में भी इसी ट्रेंड की चर्चा है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नवंबर, 2021 में शुद्ध रूप से 13.95 लाख अंशधारक जोड़े हैं, जो एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में लगभग 38 प्रतिशत अधिक है। वहीं अक्टूबर में शुद्ध रूप से 12.73 लाख अंशधारक जोड़े थे। दिंसबर 2021 और जनवरी 2022 में ईपीएफओ से कितने सब्सक्राइबर जुड़े, इसका डेटा सामने आना अभी बाकी है।
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