राजकोषीय घाटे को लेकर कसा सरकार पर तंज
उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में वित्त मंत्री ने 6.8 प्रतिशत का राजकोषीय घाटा होने का अनुमान व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को इसके लिए उन्होंने आगाह भी किया था, लेकिन वित्त मंत्री ने तब कहा था कि हम इससे बेहतर करेंगे। चिदंबरम ने कहा कि वास्तव में यह आंकड़ा 6.9 प्रतिशत रहा। चिदंबरम ने कहा कि विनिवेश के लिए एक लाख 75 हजार करोड़ रूपये का लक्ष्य तय किया गया था। उन्होंने कहा कि वह सरकार के आभारी हैं कि इस लक्ष्य में मात्र 75 हजार करोड़ रूपये ही एकत्र किए गए। उन्होंने कहा कि 2021-22 के बजट अनुमान में 5,54,236 करोड़ रूपये का पूंजीगत व्यय रहने की बात कही गई थी। पूंजीगत व्यय से विकास को गति मिलेगी।
एयर इंडिया को लेकर भी दिया बयान
चिदंबरम ने कहा कि संशोधित अनुमान एक सुखद आश्चर्य के रूप में आया, जिसमें इसे बढ़ाकर 6,02,711 करोड़ रूपये बताया गया। उन्होंने कहा कि इसमें एयर इंडिया के एक बार में होने वाले ऋण भुगतान के लिए दी गई 51,971 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी। उन्होंने सवाल किया कि एयर इंडिया को दी गयी राशि पूंजीगत व्यय कैसे हो सकती है? उन्होंने सरकार के पूर्व बजट में कुछ ट्रेनों के निजीकरण समेत कई घोषणाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन संबंध में कुछ नहीं किया गया। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी की नीति तीन डब्ल्यू पर आधारित हैं अर्थात वर्क (कार्य), वेलफेयर, (कल्याण) और वेल्थ (संपत्ति)। उन्होंने कहा कि हम संपत्ति के निर्माण के विरुद्ध नहीं हैं किंतु वर्क यानी नौकरियां भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था और सरकार को हमें (संसद) को यह बताना चाहिए कि कितनी नौकरियां सृजित की गयी?
कांग्रेस नेता ने कहा कि बजट भाषण में गति शक्ति के जरिए पांच साल में 60 लाख रोजगार सृजित करने की बात की गयी है यानी एक वर्ष में 12 लाख। उन्होंने कहा कि देश में हर वर्ष कार्य बल में 49.5 लाख लोग नये जुड़ जाते हैं। उन्होंने पूछा कि यदि केवल 12 लाख लोगों को रोजगार मिलेंगे तो बाकी लोग क्या ‘पकौड़े तलेंगे?’ उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े देते हुए कहा कि सरकार विकास की तेज रफ्तार की बात कर रही है किंतु आंकड़े देखकर सवाल उठता है कि देश का विकास क्या वहीं पहुंचने के लिए हो रहा है जहां से हमने शुरू किया था। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि दो साल में देश ने लाखों नौकरियां गंवाईं और 60 लाख एमएसएमई बंद हुए। उन्होंने कहा कि परिवारों की आय और प्रति व्यक्ति आय में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम एवं अन्य वस्तुओं पर सब्सिडी घटा दी गई।