एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर अनिल दुजाना

STF से मेरठ में हुई मुठभेड़, 18 मर्डर समेत 62 केस थे दर्ज

मेरठ यूपी STF ने मेरठ में गुरुवार को गैंगस्टर अनिल दुजाना (36) को एनकाउंटर में मार गिराया। वह नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला था। 3 साल से अयोध्या जेल में बंद था। कुछ समय पहले ही जमानत पर छूटा था। इसके बाद से फरार चल रहा था। दुजाना के खिलाफ 18 मर्डर समेत 62 से ज्यादा केस दर्ज थे। वह गिरोह बनाकर हत्या और लूट की वारदात करता था। यूपी STF पिछले 6 साल में दुजाना समेत 184 एनकाउंटर कर चुकी है।
दुजाना की गाड़ी से मिले कई हथियार
मुठभेड़ के समय अनिल दुजाना सफेद रंग की स्कॉर्पियो में था। बताया जा रहा है कि वह बागपत अपनी ससुराल जा रहा था। तभी मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने उसे जानी भोला की झाल के पास घेर लिया। इसके बाद उसने एसटीएफ टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। एनकाउंटर के बाद फोरेंसिक टीम ने जब उसकी गाड़ी की चेकिंग की तो उसमें से कई हथियार मिले।
यूपी ही नहीं, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में भी था आतंक
दुजाना का आतंक पश्चिमी यूपी के अलावा दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में भी था। उस पर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था।
उस पर साल 2002 में पहला मामला गाजियाबाद के कविनगर थाने में हत्या का दर्ज हुआ था। दुजाना पर गाजियाबाद के हरबीर पहलवान की हत्या का आरोप था। 2011 में नोएडा के एक मामले में उसे 3 साल की सजा सुनाई गई थी।
पिछले हफ्ते 2 मुकदमे हुए थे दर्ज
जेल से बाहर आते ही दुजाना ने जयचंद प्रधान हत्याकांड में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी थी। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ पिछले हफ्ते 2 मुकदमे दर्ज किए थे। नोएडा पुलिस और यूपी STF अनिल दुजाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी।पिछले दिनों 7 टीमों ने 20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की थी, लेकिन दुजाना हाथ नहीं लगा। क्राइम ब्रांच का दावा है कि दुजाना मंडावली के एक बिजनेसमैन की हत्या के इरादे से घूम रहा था। वहीं, पुराने केस में पेश नहीं होने से दुजाना के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।
सुंदर भाटी पर एके-47 से हमला
पश्चिमी यूपी में गैंगवार की शुरुआत महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर गैंग के जमाने में हुई। इसके बाद सुंदर भाटी और नरेश भाटी गैंग के बीच गैंगवार होने लगी। दोनों सतबीर गुर्जर के गुर्गे थे। सुंदर भाटी ने 2004 में जिला पंचायत अध्यक्ष बन चुके नरेश भाटी की हत्या कर दी। इसके बाद नरेश भाटी के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने बदला लेने की ठानी।इस काम में उन्होंने दुजाना को भी शामिल किया। साहिबाबाद स्थित भोपुरा में नवंबर 2011 को सुंदर भाटी के साले की शादी थी। वहां पहुंचकर रणदीप, अनिल दुजाना और कसाना ने एके-47 से फायरिंग की। इसमें तीन लोग मारे गए, लेकिन सुंदर भाटी बच निकला था। तब से वह पश्चिमी यूपी में चर्चा में आ गया था।
सुंदर भाटी ने किया दुजाना के भाई का मर्डर
अनिल दुजाना तिहरे हत्याकांड में जनवरी 2012 में पकड़ा गया। इसी बीच सुंदर भाटी गैंग ने जनवरी 2014 में उसके घर पर हमला किया। फायरिंग में दुजाना के भाई जय भगवान की मौत हो गई। पिता ने सुंदर भाटी समेत 8 लोगों को नामजद कराया था। इसके बाद दुजाना गैंग ने सुंदर के गुर्गे राहुल का मर्डर कर दिया था।
दिल्ली के कारोबारी से मांगी थी रंगदारी
दुजाना के गुर्गों ने जनवरी 2019 में दिल्ली के नंदनगरी के कारोबारी से 50 लाख की रंगदारी मांगी थी। वह 9 साल बाद जनवरी 2021 में जमानत पर बाहर आया था। फरवरी 2021 में उसने बागपत की पूजा से शादी कर ली। 16 अक्टूबर 2021 में सिकंदराबाद के एक कारोबारी से एक करोड़ की रंगदारी मांगी। साथ ही खेड़ी गांव के प्रधान जयचंद हत्याकांड में गवाह उनकी पत्नी को भी धमकाया। इन दोनों केसों में वह वांटेड चल रहा था।
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