विजिलेंस टीम पहुंची तो पड़ोसी की छत पर फेंक दिए 3 करोड़
भुवनेश्वर।ओडिशा के नबरंगपुर में एडिशनल सब-कलेक्टर प्रशांत राऊत को विजिलेंस की टीम ने नबरंगपुर से अरेस्ट कर लिया। प्रशांत के पास उनकी आय से ज्यादा की संपत्ति मिली। गिरफ्तारी से पहले प्रशांत के घर और ऑफिस समेत 9 जगहों पर 3 दिन तक छापा मारा गया। राऊत को सुंदरगढ़ विजिलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा।छापे के दौरान विजिलेंस की टीम शुक्रवार की रात प्रशांत के भुवनेश्वर वाले घर छापा मारने पहुंची तो उनके परिवार ने 3 करोड़ की नकदी डिब्बों में भरकर पड़ोसी की छत पर फेंक दी थी। हालांकि विजिलेंस टीम ने इसे भी जब्त कर लिया।नबरंगपुर की जनता ने प्रशांत की गिरफ्तारी की खबर सुनते ही उनके ऑफिस के बाहर जश्न मनाया और मिठाई बांटी। स्थानीय निवासी उत्तम त्रिपाठी का कहना था कि आज उन्हें नबरंगपुर के रावण से मुक्ति मिल गई। प्रशांत रोज लोगों से पैसे ऐंठता था। नबरंगपुर की जनता उससे परेशान थी।
प्रशांत के पास से क्या-क्या मिला
विजिलेंस अधिकारियों को प्रशांत के पास से करीब 5 करोड़ 21 लाख 9 हजार 659 रुपए की संपत्ति पाई गई। इसमें करीब 2000 वर्गफुट की 2 मंजिला बिल्डिंग शामिल है। कटक में 4 और उमरकोट में 1 बेनामी प्लॉट मिला।घर की तलाशी के दौरान 3 करोड़ 2 लाख 30 हजार 800 रुपए नकद बरामद किए गए। किताबों की रैक के पीछे की दीवार में छिपाकर रखे गए 10 लाख रुपए भी मिले। बेडरूम से पैसों से भरे 6 बक्से और एक ब्रीफकेस जब्त किया गया।इसके अलावा 37 लाख की गाड़ियां जिनमें 2 फोर व्हीलर और 1 टू व्हीलर मिले। 27 लाख से ज्यादा के सोने-चांदी के जेवर भी जब्त किए गए। बच्चों की पढ़ाई पर भी 87 लाख रुपए खर्च का हिसाब मिला।
पहले भी अरेस्ट हो चुका था प्रशांत
प्रशांत कुमार ओडिशा प्रशासनिक सेवा में 1996 बैच का अधिकारी था। उसकी पोस्टिंग बालासोर, बरगढ़, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और कटक में भी रही। उसने पहले जाजपुर केंद्रपाड़ा में तहसीलदार के तौर पर काम किया। 6 नवंबर 2018 काे प्रशांत को सुंदरगढ़ जिले के बिसरा ब्लॉक बीडीआई के तौर पर एक लाख रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसे नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया। 18 जनवरी 2020 को उसे अतिरिक्त उप-जिला कलेक्टर के रूप में नबरंगपुर में तैनात किया गया था।
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