जिला कांग्रेस कमेटी ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन, कार्यवाही करने की मांग
उमरिया। कांग्रेस ने नगर पालिका परिषद उमरिया पर संपत्ति कर के नाम पर नागरिकों का शोषण करने का आरोप लगाया है। इस संबंध मे जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही की मांग की है। इस मौके पर मप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पूर्व विधायक अजय सिंह तथा पार्टी के जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा उपस्थित थे। ज्ञापन मे कहा गया है कि नपा के कर्मचारी पहले तो लोगों को संपत्ति कर का नोटिस भेजते हैं, फिर उनसे मामले को रफा-दफा करने के नाम पर पैसे ऐंठ लेते हैं। जिससे स्थानीय बाशिंदे परेशान हैं। कलेक्टर ने आश्वासन दिया है कि किसी नागरिक के सांथ अन्याय नहीं किया जायेगा। मामले की जांच कराने के सांथ ही आरोप सही पाये जाने पर दोषी कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
बिना नाप-जोख के थमाई नोटिस
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ दिनो से नगर पालिका द्वारा संपत्ति कर की वसूली का अभियान छेड़ा गया है। इसके तहत नये मकान मालिकों तथा पूर्व से रह रहे कई लोगों को नोटिस जारी किये जा रहे हैं। बताया गया है कि नगर पालिका द्वारा संपत्ति और मकानों की नापजोख किये बगैर ही कई लोगों को लाखों रूपये के नोटिस थमा दिये गये हैं।
गरीबों को लाखों के बिल
कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर को बताया कि नगर पालिका ने कई ऐसे लोगों को भी 10-10 साल का बकाया जमा करने का नोटिस दिया है, जिन्होने एक-दो साल पहले ही अपना मकान बनाया है। इसके अलावा गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन करने वालों को भी हजारों रूपये की वसूली का फरमान सुनाया गया है।
अपने मन से निर्धारित की गई दरें
आरोप है कि राजस्व शाखा मे पदस्थ कर्मचारियों द्वारा मनमाने तौर पर नसिर्फ संपत्ति कर की दरें बढ़ा दी हैं बल्कि उनके द्वारा पिछले दो-तीन सालों से बढ़ी दरों पर वसूली भी की जा रही है। जानकार सूत्रों ने बताया है कि इन लोगों ने संपत्ति कर की निधार्रित दरों को अपने मर्जी से दोगुना कर दिया है। इसके लिये ना ही पूर्व परिषद, शासन और ना ही प्रशासक से कोई अनुमोदन ही लिया गया है। कांग्रेस की मांग है कि पिछले तीन सालों मेे नगर पालिका द्वारा वसूली गई संपत्ति कर के दरों की जांच करा कर जनता से वसूली गई अवैध राशि वापस कराई जाय। सांथ ही ठगी करने वाले कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाय।
कोरोना काल मे रूके वसूली
कांग्रेस ने शहर मे सड़कों के किनारे छोटे-मोटे दुकान लगा कर धंधा करने वाले लोगों को बैठकी शुल्क मे राहत देने की मांग भी अपने ज्ञापन मे की है। पार्टी के नेताओं ने कलेक्टर को बताया कि कोरोना के कारण आम आदमी की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हो चली है। उनके रोजगार धंधे ठप्प पड़ गये हैं। ऐसे मे बैठकी और संपत्ति कर की वसूली स्थगित की जाय।