आज से खुलेंगे राष्ट्रीय उद्यान के गेट, स्थानीय लोगों को बेहतर पर्यटन की उम्मीद
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ मे आज 1 अक्टूबर से नया पर्यटन सत्र शुरू हो रहा है। पार्क के गेट खुलने के सांथ ही ताला उन वन्यजीव प्रेमियों से गुलजार हो जायेगा, जो हमेशा से दुर्लभ जीवों और हरियाली के दीदार करने यहां पहुंचते हैं। कोरोना के चलते विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना जरा भी नहीं है, इसके बावजूद स्थानीय लोगों को बेहतर पर्यटन की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि कोविड -19 के आक्रमण के बाद हुए लाकडाऊन से बांधवगढ़ सहित देश भर के सभी टाईगर रिजर्व बंद कर लिये गये थे। हालांकि बीच मे इसे 6 दिनो के लिये 15 से 20 जून तक खोला गया था लेकिन इस दौरान पर्यटकों की आवाजाही न के बाराबर थी। लंबे अंतराल के पार्क खुलने पर स्थानीय लोग अच्छी खासी संख्या मे पर्यटकों के आने का अनुमान लगा रहे हैं।
खाली है 80 जिप्सियों की बुकिंग
देश-विदेश मे प्रख्यात बांधवगढ़ नेशनल पार्क मे हमेशा से वीआईवी मूवमेंट बनी रहती है। कई बार तो लोगों को भ्रमण हेतु गेटपास और टिकट के लिये भारी मशक्कत करनी पड़ती है, पर इस बार ऐसा नहीं है। 30 सितंबर शाम तक की स्थिति मे पार्क मे लगभग 80 टिकट खाली बताये गये हैं। सूत्रों के अनुसार खितौली जोन मे सुबह के लिए 14, शाम के लिए 12, मगधी जोन मे सुबह और शाम के लिए 14-14 और ताला मे 9 और 17 जिप्सी अभी भी बुक नहीं हुई हैं। यानी 80 जिप्सी अभी और बुक हो सकती हैं। एक जिप्सी मे यूं तो 6 पर्यटक बैठते थे, लेकिन कोरोना के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का नियम लागू किया गया है जिससे अब एक जिप्सी मे महज 4 पर्यटक बैठाने की इजाजत होगी।
कोर मे 147 और बफर मे 84 जिप्सियां
प्रबंधन के मुताबिक टाइगर रिजर्व मे सुबह और शाम मिला कर एक दिन मे कुल 147 जिप्सियों को प्रवेश दिया जाता है। इसमे ऑन लाइन बुकिंग वाली जिप्सियां 131 होती हैं जबकि एफ डी कोटा की जिप्सियों की संख्या 16 है। बांधवगढ़ मे पर्यटन के लिए तीन जोन बनाए गए हैं जिनमे खितौली, मगधी और ताला शामिल है। खितौली जोन में सुबह 21 शाम 20, मगधी जोन मे सुबह 26, शाम 25 और ताला जोन मे सुबह 28 शाम को 27 जिप्सियों को प्रवेश दिया जाता है। इसके अलावा बफ र मे भी पर्यटन शुरू है, जिसमें धमोखर, जोहिला और पनपथा जोन बनाये गये हैं। धमोखर मे सुबह 14 शाम को 14, जोहिला मे सुबह 14, शाम को 14, पनपथा मे सुबह और शाम 14-14 जिप्सियां प्रवेश करती हैं।
आने के साधनो का आभाव
रेल सेवा बांधवगढ़ के पर्यटन मे अहम भूमिका निभाती है। नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई सहित कई प्रांतों से पर्यटक ट्रेनों मे माध्यम से यहां पहुंचते हैं। बीते कई महीनो से अधिकांश ट्रेनो का संचालन न होने से यहां के पर्यटन पर असर होना तय है। अब या तो पर्यटक अपने साधन से या टेक्सियों के जरिये बांधवगढ़ पहंच रहे हैं। जानकारों का मानना है कि जब तक ट्रेनें नहीं चलेंगी तब तक पर्यटन का यही हाल होगा। ज्ञांतव्य हो कि ताला और उसके चारों ओर निवासरत हजारों लोग, गाईड, रिसोर्ट मालिक और कर्मचारी आदि पूरी तरह से बांधवगढ़ के पर्यटन पर आश्रित हैं।
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