मिलरों से करायेंगे 1600 टन चावल की भरपाई एफसीआई की जांच पर सवाल
उमरिया। जिले के गोदामो मे रखा 1600 टन चावल अमानक स्तर का पाया गया है। एफसीआइ ने इस गड़बड़ी की जिम्मेदारी मिलरों पर मढ़ते हुए उनसे इसकी भरपाई कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि बीते सितंबर महीने मे एफसीआई की तकनीकी टीम ने जिले के केके बेयर हाऊसिंग मे रखे चावल की जांच की थी। दल द्वारा गोदाम मे रखे चावल के अलावा अब तक हुई स्टाकिंग और सप्लाई, उपलब्ध माल की स्थिति, खराब और मध्यम क्वालिटी का प्रतिशत आदि कई पहलुओं का निरीक्षण कर सेम्पलिंग की गई थी। जांच मे खुलासा हुआ है कि गोदाम से मिलिंग के लिये भेजी गई धान को चावल बना कर जमा करने की प्रक्रिया के दौरान यह सारी गड़बड़ी हुई है। अत: इसकी भरपाई भी उन्हीे मिलरों को करनी होगी। मिलरों द्वारा चावल जमा करने के बाद पुन: इसकी जांच होगी। सब कुछ सही पाये जाने के बाद ही मामला समाप्त हो पायेगा।
हर स्तर पर होती है गड़बड़ी
सूत्रों का कहना है कि उपार्जन केन्द्रों से लेकर माल गोदाम मे जमा होने और सप्लाई किये जाने के बीच कई प्रकार की गडबडियां होती हैं। इनमे तौल से लेकर घटिया चावल और कनकी की मिलावट तक शामिल है। वहीं किसी भी केन्द्र पर धान को छाया मे रखने की व्यवस्था नहीं है, तुलाईके बाद सारा माल खुले मे पड़ा रहता है। पिछले वर्ष ही उपार्जन के दौरान लगातार बारिश होती रही जिससे लगभग पूरी धान भीग गई। फिर उसे इसी हालत मे गोदाम मे फेंक दिया गया।
रसूख और पैसे का असर
एफसीआई द्वारा गोदाम संचालक को लगभग क्लीन चिट देते हुए घोटाले का सारा ठीकरा मिलरों पर फोडऩे की बात किसी को भी हजम नहीं हो रही है। जानकारी मिली है कि केके बेयर हाऊसिंग द्वारा अनाज के रखरखाव मे भारी लापरवाहियां बरती जा रही हैं। गोदाम मे बारिश का पानी अंदर रिसता रहता है, इसी की वजह से हर वर्ष सैकड़ो क्विंटल धान सड़ जाती है। इसके बावजूद लाखों रूपये किराया लीलने वाले धन्ना सेठ पर उसके रसूख के कारण कोई कार्यवाही नहीं की गई है। इस मामले मे विभागीय अधिकारियों द्वारा लाखों रूपये के लेनदेन की बात भी सामने आ रही है।
केवल मिलर दोषी क्यों
जानकारों का मानना है कि मिलरों का काम तो केवल धान की दराई करना है। जब उन्हें सड़ी हुई धान सप्लाई की जायेगी तो चावल गुणवत्तापूर्ण कैसे हो सकता है। आरोप है कि अधिकारियों ने लंबा लेनदेन कर प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश की है।
इनका कहना है
प्रदेश सरकार के निर्देश पर केके बेयरहाऊसिंग भरौला रोड उमरिया मे रखे चावल की जांच की गई थी। जांच मे 1600 टन चावल अमानक स्तर का पाया गया है, जिसे मिलरों से वसूला जायेगा। मिलरों द्वारा चावल जमा करने के बाद संभाग स्तर की टीम इसकी पुन: जांच करेगी।
एसडी बिरहा
डीएम, नान