उत्तराखंड जल प्रलय में 202 लोग लापता

तपोवन टनल में सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, अब तक 19 शव बरामद किए गए
नई दिल्ली । उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद से 202 लोग लापता हैं। जबकि रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहीं आर्मी, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमों के जवान तपोवन टनल में घुस गए हैं। राज्य पुलिस ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि अब तक अलग-अलग स्थानों से 19 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक ऋत्विक कंपनी के 21 लोग लापता हैं, जबकि उसकी सहयोगी कंपनी के 100 लोगों का अब तक पता नहीं चला है। ऋत्विक और उसकी सहयोगी कंपनी के अलावा ऋषिगंगा कंपनी के लोग भी बड़ी संख्या में लापता हैं। इनके साथ एचसीसी कंपनी के 3, ओम मैटल के 21 और ऋषिगंगा के 46 लोग लापता हैं। चमोली इलाके के गांवों से लापता लोगों की बात करें तो तपोवन गांव से 2, रिंगी गांव से 2, करछौ गांव से 2 और रैणी गांव से 5 लोग रविवार को आई आपदा के बाद से लापता हैं। उत्तराखंड पुलिस ने शोक और दुख की इस घड़ी में लोगों से सहयोग की अपील की है।
तपोवन टनल में चल रहा रेस्क्यू
दूसरी ओर राहत और बचाव कार्य लगातार दूसरे दिन पूरी रफ्तार से चल रहा है। भारतीय वायुसेना ने देहरादून से एमआई-17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों की दूसरी खेप राहत और बचाव टीमों के साथ रवाना कर दी है। भारतीय वायुसेना के टास्क फोर्स कमांडर राज्य प्रशासन के साथ राहत और बचाव कार्य के लिए को-ऑर्डिनेट कर रहे हैं। आर्मी, आईटीबीपी, एसडीआरएफ की टीमें तपोवन टनल में संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। राहत और बचाव कार्य में लगे जवान टनल के अंदर दाखिल हो गए हैं।
रैणी गांव में पुल टूटा, 13 गांवों से संपर्क कटा
जोशीमठ में राहत और बचाव कार्य देख रहे आईटीबीपी के एडीजी मनोज रावत ने कहा कि लता और रैणी गांव में फूड सप्लाई बनाए रखने के लिए हेलीकॉप्टरों के जरिए रसद गिरायी जा रही है। उन्होंने कहा कि रैणी गांव में पुल टूट जाने की वजह से मलारी और घनसाली जैसे 13 गांवों से संपर्क टूट गया है।
लखीमपुर खीरी के लगभग 50 युवक लापता
उत्तराखंड के जोशी मठ में आई भीषण तबाही के समय वहां स्थित तपोवन में पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे निघासन तहसील क्षेत्र के गांव बाबू पुरवा, गांव भेरमपुर, गांव मांझा व गांव कडिय़ा के लगभग 50 युवक अभी तक लापता हैं। इनकी सूचना मिलने पर परिजनों में कोहराम मचा हुआ हैं सभी का रो रोकर बुरा हाल है। निघासन तहसील क्षेत्र के इंडो नेपाल बार्डर पर स्थित गांव बाबूपुरवा, भेरमपुर, मांझा व गांव कडिय़ा हैं। बाबूपुरवा गांव के पांच युवक हीरालाल, सूरज, अर्जुन, विमलेश, धर्मेंद्र, अरुण, अभी तक लापता हैं। जिनकी कोई सूचना नहीं मिल पाई हैं। 40 से 50 युवक भेरमपुर व मांझा गांव के भी हैं। जिनसे परिजनों का संपर्क नही हो पा रहा है।

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