ईडी डायरेक्टर का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाना गैर-कानूनी

सुप्रीम कोर्ट ने दिया नई नियुक्ति का आदेश, 31 जुलाई तक पद पर रह सकेंगे मिश्रा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी डायरेक्टर संजय मिश्रा का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ाने को अवैध करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ईडी चीफ संजय मिश्रा का तीसरी बार एक्सटेंशन सही नहीं है। हालांकि, मिश्रा 31 जुलाई तक पद पर बने रहेंगे। तब तक सरकार को नए चीफ की नियुक्ति करना होगा। पहले संजय मिश्रा को 18 नवंबर को रिटायर होना था। केन्द्र सरकार ने तीसरी बार उनका कार्यकाल बढ़ाया था। इसके अलावा कोर्ट ने कार्यकाल बढ़ाने के लिए कानून में बदलाव को वैध बताया है।जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संजय करोल की बेंच ने ईडी चीफ का कार्यकाल बढ़ाने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने 8 मई कोअपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। केंद्र ने नवंबर 2018 में संजय मिश्रा को दो साल के लिए ईडी का डायरेक्टर नियुक्त किया था। इसके बाद उन्हें रिटायर होना था, लेकिन सरकार ने उन्हें एक साल का एक्सटेंशन दे दिया। इस फैसले को कॉमन कॉज नाम के एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सितंबर 2021 में कोर्ट ने मिश्रा को मिले एक्सटेंशन को बरकरार रखा गया। लेकिन कोर्ट ने साफ-साफ कहा था कि मिश्रा को अब इस पद पर कोई एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश
केंद्र सरकार ने नवंबर 2021 में सेंट्रल विजिलेंस कमीशन एक्ट में बदलाव करके एक अध्यादेश ले आई। इस संशोधन में प्रावधान था कि जांच एजेंसी ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों के डायरेक्टर को पांच साल तक का एक्सटेंशन दिया जा सकता है। कोर्ट ने आदेश के बाद भी संजय मिश्रा को एक्सटेंशन मिल गया। उनका कार्यकाल नवंबर 2023 तक हो गया है।
केंद्र के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की
केंद्र के इसी फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिली। कांग्रेस नेता जया ठाकुर, रणदीप सुरजेवाला, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, साकेत गोखले की तरफ से दायर की। याचिकर्ताओं ने कहा कि ईडी एक ऐसी संस्था है, जो देश और हर राज्य के सभी तरह के मामलों की जांच करती है। ऐसे में इसको स्वतंत्र होना चाहिए।

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