शहडोल। लाडली बहना योजना को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश जारी किए थे की योजना से जुड़े कागजातों की ईकेवाईसी के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा। जिसको लेकर कुछ दिन पहले ही जिले के दौरे में पहुंचे प्रदेश के मुखिया ने मंच से ऐलान भी किया था, लेकिन शहडोल जिले में इसका उल्टा असर देखने को मिला मनमौजी तरीके से ऑनलाइन दुनकदारो ने हितग्राहियों से मनमाना रुपए एठा है, जब मामले की शिकायत जिला प्रशासन तक पहुंची तो जिला प्रशासन सख्त हो गया और कार्यवाही कर खानापूर्ति कर रहा है। शुक्रवार को कलेक्टर ने एक बयान जारी किया ईकेवाईसी में अब कोई भी सुल्क किसी को देने की कोई जरूरत नहीं है। इसके पहले तक जिले में लाडली बहना योजना के लिए ईकेवाईसी के लिए लोगों से मनमाने तरीके से रुपए एथे गए, जिसकी शिकायत भी जिला प्रशासन को लगातार लग रही थी लेकिन प्रशासन के अधिकारियों ने कोई कार्यवाही करना उचित नहीं समझा। शुक्रवार को जब सोशल मीडिया में लोगों ने ईकेवाईसी के लिए रुपए लेने की जानकारी सोशल मीडिया अकाउंट में साझा की तो जिला प्रशासन हरकत में आया और कार्यवाही के नाम पर नाम पर नगरीय क्षेत्र में 2 दर्जन से अधिक दुकानों पर छापामार कार्यवाही कर जांच करवाई गई तो 4 दुकानदार ही केवल जिला प्रशासन को गलत नजर आए जिन पर कोतवाली पुलिस कार्यवाही कर रही है।
जिला प्रशासन द्वारा लाडली बहना योजना अंतर्गत ईकेवाईसी के पैसा लेने वालों के विरुद्ध की कार्यवाही
कलेक्टर श्रीमती वंदना वैद्य के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा जिले में अभियान चलाकर मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना अंतर्गत ई-केवाईसी एवं आधार अपडेशन कराने हेतु आये हुए आवेदकों से कामन सर्विस सेन्टर, एम.पी. ऑनलाइन आधार सेन्टर के संचालक द्वारा किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाना है, के संबंध में निरीक्षण किया इसी तारतम्य में शुक्रवार को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोहागपुर श्रीमती प्रगति वर्मा, सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग मनोज लारोकर, तहसीलदार सोहागपुर भरत सोनी, सीडीपीओ आनंद अग्रवाल सहित अन्य अधिकारियों ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर विभिन्न कॉमन सर्विस सेंटर, एमपी ऑनलाइन, आधार सेंटरों का निरीक्षण किया। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोहागपुर द्वारा लगभग 25 सेंटरों का निरीक्षण किया गया। जिनमें से 4 सेंटरों में आवेदकों से पैसा लिया गया था। उनके विरुद्ध त्वरित कार्यवाही करते हुए उन्हें पुलिस को सौंपा गया तथा उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए तथा उनकी दुकानों को सील कर दिया गया।
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