इलाज के आभाव मे चल बसी एक और लाडली बहना
मानपुर की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं का नतीजा, महिला के सांथ शिशु की भी मौत
बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मध्यप्रदेश, उमरिया
मानपुर। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे व्याप्त अव्यवस्था और डाक्टरों की लापरवाही ने एक और लाडली बहना और उसके पेट मे पल रहे शिशु की जान ले ली। जानकारी के मुताबिक गर्भस्थ महिला श्रीमती अनुराधा पति शिवकुमार प्रजापति 27 निवासी ग्राम अमरपुर को कुछ दिक्कत के कारण 24 नवंबर को करीब साढ़े 4 बजे स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र मे भर्ती कराया गया था। महज ढाई घंटे के बाद बिना किसी इलाज और जांच के उसे मेडिकल कॉलेज शहडोल रेफर कर दिया गया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर ने परिजनो को बताया कि मरीज का बीपी लो है, जिसकी वजह से उसे सांस लेने मे परेशानी हो रही है और अस्पताल मे आक्सीजन की व्यवस्था नहीं है। काफी देर बाद जब मरीज की हालत गंभीर हो गई तब उसे एम्बुलेस मे लिटा कर आक्सीजन दिया गया। आनन-फानन मे रात्रि करीब 10 बजे परिजन अनुराधा को लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौत के बाद भी खत्म नहीं हुई परेशानी
मौत के बाद भी महिला की परेशानी खत्म नहीं हुई। अनुराधा को मृत घोषित करने के बाद प्रबंधन द्वारा मृतका के शव को उसके गृह ग्राम तक पहुंचाने की व्यवस्था करने से इंकार कर दिया। लिहाजा गरीब परिवार के लोगों ने आपस मे चंदा किया और शेष रकम उधार लेकर किसी कदर महिला का शव वापस घर ले आये। एक तरफ तो सरकार प्रदेश मे स्वास्थ्य सेवायें बेहतर होने के दावे करते नहीं थकती। दूसरी तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों मे ऑक्सीजन और जांच के आभाव मे बेकसूर लोगों की मौत हो रही है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से मातम मे डूबे परिवार के लिये वाहन तक का इंतजाम नहीं हो रहा। इस घटना ने एक बार फिर शासन की कथनी और करनी को उजागर कर दिया है।