इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज

संसद भंग, 90 दिन बाद चुनाव, विपक्ष बोला- इमरान देशद्रोही

इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के सियासी भविष्य का फैसला लगभग हो चुका है। पाकिस्तान नेशनल असेंबली में स्पीकर ने खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। खास बात है कि कार्यकाल में खान ने दूसरी बार अविश्वास की चुनौती को पार किया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, पाकिस्तान में पीएम को अविश्वास का सामना करना पड़ा हो। एक बार इतिहास पर नजर डालते हैं।

1989 मे हुआ था ऐसा हाल

1989 में तत्कालीन पीएम भुट्टो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। हालांकि, इस दौरन उन्होंने सांसदों का भरोसा जीतने में सफलता हासिल की थी। उस दौरान भुट्टो के खाते में 125 वोट आए थे। जबकि, उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले नवाज शरीफ को 107 मत ही मिल सके थे। 33 साल पहले सरकार कुल 12 वोटों से बची थी।
वहीं बेनजीर भुट्टो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल होने के करीब 17 साल बाद पाकिस्तान में एक और पीएम ने इस मुश्किल का सामना किया था। भुट्टो की तरह अजीज भी अविश्वास प्रस्ताव के बीच सरकार बचाने में सफल हुए थे। उन्हें उस दौरान 201 वोट मिले थे। जबकि, विपक्ष के खाते में 136 वोट आए थे।लेकिन इमरान को प्रस्ताव को लेकर वोटिंग का सामना नहीं करना पड़ा। डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी अनुच्छेद-5 के विपरीत बताकर प्रस्ताव को खारिज कर दिया। हालांकि, अभी भी विपक्ष के पास कुछ विकल्प खुले हैं, लेकिन मौजूदा स्थिति में खान ने अपनी सरकार बचा ली है।

अभी नही हुआ कार्यकाल पूरा

खास बात है कि पाकिस्तान में अभी तक कोई भी पीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। वहीं, अगर वोटिंग होती और खान मत गंवा देते, तब वे अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार गंवाने वाले पहले पीएम होते। एक ओर जहां विपक्ष 175 सांसदों का समर्थन होने का दावा कर रहे थे। वहीं, खान लगातार यह संकेत दे रहे थे कि उनके पास सरकार बचाने के एक से ज्यादा रास्ते हैं। उनका कहना है कि वह अंत तक इसका सामना करने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट पहुंचा विपक्ष
इस्लामाबाद (ईएमएस)। पाकिस्तान में सियासी घमासान के बीच रविवार को संसद भंग कर दी गई है। अब यहां 90 दिनों के भीतर चुनाव होने हैं। रविवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी, लेकिन उससे पहले डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का हवाला देकर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। अब विपक्ष मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच गठित की है। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी का कहना है, कि इमरान ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं। जरदारी ने कहा, पूरे पाकिस्तान को पता है, कि विपक्ष की संख्या पूरी थी। रविवार को आखिरी मौके पर स्पीकर साहब ने असंवैधानिक काम किया। पाकिस्तान के संविधान को तोड़ने की कोशिश की गई। यूनाइटेड अपोजीशन ने फैसला किया है कि जब तक हमें संवैधानिक अधिकार नहीं मिलता तब तक हम नेशनल असेंबली में धरना देने वाले हैं। इसके अलावा हमारे वकील रविवार को ही सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। जरदारी ने कहा, इमरान ने स्पीकर के खिलाफ भी लोगों को इकट्ठा करके उनका अधिकार छीन लिया है। यह बचकाना हरकत और इमरान खान ने अपनी असली पहचान बता दी है। अगर इमरान खान लोकतंत्र के साथ हैं,तब सत्ता जाने से क्यों डरते हैं। इमरान खान ने अपने एक भाषण में कहा था कि उन्होंने राष्ट्रपति अलवी को संसद भंग करने की सलाह दी थी। इसके थोड़ी देर बाद ही आर्टिकल 5 के उल्लघंन का हवाला देकर डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इससे पहले विपक्षी दलों ने स्पीकर के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव फाइल कर दिया था।

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