इतने आरोपी कि छोटा पड़ गया कोर्ट रूम

बीजेपी नेता समेत 48 लोगों को 7 साल की जेल
सतना। कोर्ट ने एक साथ ४८ लोगों को ७-७ साल जेल की सजा सुनाई है। फैसले के दौरान आरोपियों को कोर्ट लाया गया था। इनकी संख्या इतनी थी कि कोर्ट रूम छोटा पड़ गया। आरोपियों को बरामदे में बैठाना पड़ा। सतना जिले में कलेक्टर-एसपी पर पथराव के मामले में २० साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। कोर्ट ने पहली बार एक साथ ४८ आरोपियों को ७-७ साल की सजा सुनाई। आरोपी इतने थे कि कोर्ट रू म भर गया। आरोपियों को बरामदे तक में बैठाना पड़ा। इनमें एक भाजपा नेता भी शामिल है। बहुचर्चित रामनगर गोलीकांड में द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार तिर्की ने २११ पेज में अपना फैसला लिखा। इसमें चार महिलाओं समेत ४८ आरोपियों को दोषी करार दिया है। उन्हें ७-७ साल की जेल के साथ चार-चार हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया।
क्या है पूरा मामला
२० साल पहले ३० अगस्त २००२ को रामनगर निवासी महेश कोल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। डॉक्टरों ने २ सितंबर तक शव का पोस्टमार्टम नहीं किया। शव का पोस्टमार्टम ३ दिन बाद भी नहीं करने से ग्रामीणों में नाराजगी थी, यह नाराजगी इस कदर बढ़ गई कि पथराव व गोलीबारी हो गई। इसमें तीन ग्रामीण राम शिरोमणि शर्मा, सतेंद्र गुप्ता व मणि चौधरी की मौत हो गई थी। १२ लोग घायल हो गए थे। जवाब में ग्रामीणों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी। इसमें तत्कालीन एसपी राजाबाबू सिंह और तत्कालीन कलेक्टर एसएन मिश्र के भी चोटें आई थीं। रामनगर में हुए इस गोलीकांड में तीन ग्रामीणों की जान चली गई। पुलिस ने आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसमें एक ही घटना में ६ अलग-अलग केस दर्ज किए गए। इसमें भाजपा नेता अरूण द्विवेदी समेत ६५ लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनके विरूद्ध ३२ धाराएं लगाई गईं।

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