विश्व आर्थिक फोरम में बोले पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व आर्थिक मंच के दावोस संवाद को संबोधित कोरोना काल और कोरोना वैक्सीन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भारत ने दुनिया को दवाइयां भेजी ताकि वो महामारी से लड़ सकने में सक्षम हो सके। उन्होने कहा कि भारत ने कोरोना में सबसे ज्यादा जान बचाई है। कोरोना से लड़ाई में भारत के प्रत्येक व्यक्ति ने धैर्य के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया। कोरोना के खिलाफ लड़ाई को एक जन आंदोलन में बदल दिया। आज भारत दुनिया के उन देशों में से है जो अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल रहा है। कार्यक्रम में उद्योग जगत के 400 से ज्यादा शीर्ष प्रतिनिधि मौजूद हैं। पीएम ने कहा, दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं कैसे आगे बढ़ेगी ये आज सबसे बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि भारत के 135 करोड़ लोगों की ओर से मैं दुनिया के लिए उम्मीद और सकारात्मकता का संदेश लेकर आया हूं। पीएम मोदी ने कहा कि जब कोरोना आया तो मुश्किलें भारत के सामने भी कम नहीं थीं। पिछले साल मार्च-अप्रैल में दुनिया के नामी एक्सपर्ट में किसी ने भारत में कोरोना संक्रमण की सुनामी आने की बात कही थी तो किसी ने दो मिलियन से ज्यादा लोगों की मौत का अंदेशा जताया था। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने ऐसे वक्त में भी खुद पर निराशा को हावी नहीं होने दिया। हमने कोरोना के लिए खास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया और लोगों को कोरोना के खिलाफ जंग के लिए तैयार किया। भारत आज उन देशों में हैं जहां ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बच सका है। कोरोना संकट के दौरान अनेक देश परेशान थे कि अपने नागरिकों तक सीधे आर्थिक मदद कैसे पहुंचाएं? आप ये जानकर चौंक जाएंगे कि इसी दौरान भारत ने 760 मिलियन से ज्यादा लोगों के बैंक खातों में 1.8 ट्रिलियन रुपये से अधिक सीधे ट्रांसफर किए। आज भारत कोविड की वैक्सीन दुनिया के अनेक देशों में भेजकर वहां पर वैक्सीनेशन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करके दूसरे देशों के नागरिकों का जीवन भी बचा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की सफलता को किसी एक देश की सफलता से आंकना उचित नहीं होगा। जिस देश में दुनिया की 18 फीसदी आबादी रहती हो, उसने कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण करके पूरी मानवता को बड़ी त्रासदी से भी बचाया है। जब कोरोना शुरू हुआ तो मास्क, पीपीई किट, टेस्ट किट्स हम बाहर से मंगाते थे, आज हम न सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं बल्कि इन्हें अन्य देशों में भेजकर वहां के नागरिकों की सेवा भी कर रहे हैं। आज भारत ही है जिसने दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू किया है।