शहडोल । कोरोना वायरस (कोविड-19) वैश्विक महामारी से जब पूरे विश्व के साथ-साथ देश एवं प्रदेश जूझ रहा था, तब उस आपदा के समय को अवसर में बदलने का संकल्प जिले के संवेदनशील कलेक्टर डाॅ0 सतेन्द्र सिंह ने किया। उन्होंने जिले के विद्यालय एवं परिसरों के विकास के लिए एक संशक्त कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के लिए सर्व शिक्षा समन्वयक डाॅ मदन त्रिपाठी को कहा। लाॅकडाउन पीरियड के समय जिले के विद्यालय एवं छात्रावास रिक्त थे, साथ ही विद्यालयों में ऐसे विद्यालयों को चिन्हित किया गया जहाॅ बाह्य विद्युत कनेक्शन, अंतरिक विद्युत कनेक्शन, अध्ययन कक्षो में पंखो की आवश्यता का आंकलन कर चिन्हित किया गया। साथ ही ऐसी स्कूले जहाॅ बाउड्रीबाल जर्जर थी एवं रंगाई तथा पुताई का कार्य कई वर्षाे से नही किया गया था, उनका भी जीर्णोद्धार करने का संकल्प लिया गया। इस नवाचार अभियान में कमिश्नर शहडोल संभाग श्री नरेश पाल, कलेक्टर शहडोल डाॅ सतेन्द्र सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शहडोल पार्थ जायसवाल के मार्गदर्शन एवं निर्देशन में विद्यालयों के अधोसंरचना एवं परिसर विकास क कार्य में गति आई।
6757 अध्ययन कक्षो में हुआ रंग-रोगन
जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक डाॅ मदन त्रिपाठी ने बताया कि जिले में कुल 2028 विद्यालय है, जिनके 6757 अध्ययन कक्षो में रंग-रोगन का कार्य किया गया तथा 13608 पंखे अध्ययन कक्षों में लगाएं गए एवं 125 स्कूलों में बाउड्रीबाल बनवायी गई तथा 2004 स्कूलों में आंतरिक विद्युत कनेक्शन कराया गया। इस नवाचार अभियान से जहाॅ विद्या का मंदिर साफ-सुथरा, स्वच्छ बनाया गया वही अध्ययन कक्षो मंे पंखे आदि से अध्ययनरत छात्रों को गर्मी के मौसम मंे गर्मी से निजात मिलेगी। डाॅ0 त्रिपाठी ने कहा है कि आपदा के समय को सुअवसर में बदलकर शिक्षण संस्थान को जो नई ऊॅचाई प्रदान की गई उसकी सभी शिक्षक, ग्रामवासियों एवं समुदाय वासियों के साथ-साथ अभिभावको ने सराहना की है।
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