आखिर किसका होगा ‘मंगल’

सुबह 8 बजे से शुरू होगी मतगणना, प्रत्याशियों की धड़कनें तेज
नई दिल्ली/पटना/भोपाल। आखिर चुनाव परिणामों की घड़ी नजदीक आ गई। आज मप्र की 28 सीटों सहित 11 राज्यों की 56 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होंगे। यह मंगलवार किसके लिए मंगलकारक होगा, इसका पूरे देश को इंतजार है। सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें धड़ाधड़ परिणाम उगलेगी, वहीं डाक मतपत्रों की गिनती भी साथ-साथ चलेगी। राजनीतिक दलों के साथ-साथ प्रत्याशियों की धड़कनें भी परिणाम की घड़ी नजदीक आते ही तेज हो गई है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग के निर्देशानुसार प्रत्याशियों के एजेंट मतगणना कक्ष में उपस्थित रह सकते हैं।
मप्र में 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 70.27 प्रतिशत मतदान हुआ। जिसमें पुरूष मतदाताओं ने 73.18 और महिला मतदाताओं ने 66.98 प्रतिशत मतदान किया। प्रदेश के इतिहास में पहली बार एक साथ इतनी सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। विधानसभा की कुल 230 सीटों में से बहुमत के लिए किसी भी एक दल के लिए 116 सदस्यों का बहुमत चाहिए। वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान सरकार यानी भाजपा के पास 107 विधायक हैं, जबकि कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस के विधायकों की संख्या महज 87 है। हाल ही एक कांग्रेस विधायक के इस्तीफे के बाद कुल 29 सीटें खाली है और इनमें से 28 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं।
पोस्टल बैलेट और ईवीएम की काउंटिंग साथ-साथ
इस बार चुनाव आयोग ने काउंटिंग के नियमों में थोड़ा संशोधन किया है। इसके मुताबिक पोस्टल बैलेट की गिनती पूरी होने तक ईवीएम से काउंटिंग नहीं रोकी जाएगी। भले ही ईवीएम काउंटिंग के सारे राउंड खत्म हो जाएं। पोस्टल बैलेट और ईवीएम से मतों की गिनती साथ-साथ हो सकेगी। आयोग ने पिछले चुनावों की मतगणना में हुई देरी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के पहले नियम था कि पोस्टल बैलेट की गणना पूरी होने के बाद ही ईवीएम में पड़े मतों की गिनती शुरू होती थी। इस प्रक्रिया से चुनाव नतीजे आने में देरी होती थी।
12 मंत्रियों की साख पर लगा दांव
प्रदेश की इन 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में कुल 12 मंत्रियों की साख दांव पर लगी है। हालांकि इन सीटों पर कई दिग्गजों के साथ कुल 355 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिनके भाग्य का फैसला मंगलवार को होगा।
भाजपा को 9, कांग्रेस को 28 सीटों पर जीत की जरूरत
मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें है, जिनमें से 28 पर उपचुनाव हो रहा है। भाजपा के पास अभी 107 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 9 सीटों पर जीत की जरूरत है। वहीं कांग्रेस के पास 87 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 28 सीटों पर जीत की जरूरत है। लेकिन अगर कांग्रेस मिली जुली सरकार के बनाने की सोचती है तो उसे 25 सीटों पर जीत की जरूरत होगी। बहुमत के आंकड़े से दूर होने पर सात बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो जाएगी।
कांग्रेस सांसद का दावा: 20 सीटों पर मिलेगी जीत
मप्र प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के नतीजों को लेकर नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के अपने-अपने दावे हैं। रविवार को जबलपुर पहुंचे राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा ने विधानसभा उपचुनाव में 20 से ज्यादा सीटें जीतने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी व्यक्तिगत और सार्वजनिक तौर पर जिनसे भी चर्चा हुई है उसके मुताबिक 22 विधायकों की गद्दारी और पाला बदलने के एवज में 35 करोड़ की रकम लेने की बात जनता भी महसूस कर रही है, और हर कोई इसकी जमकर आलोचना कर रहा है। विधायकों की खरीद-फरोख्त और पार्टी से की गई उनकी
पीसीसी में परिणाम देखेंगे कमलनाथ-दिग्विजय
कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को एकजुट रखने की कवायद शुरू कर दी है। पूर्व मंत्रियों को विधायकों के सीधे संपर्क में रहने की जिम्मेदारी दी गई हैं। कांग्रेस के विधायकों का सोमवार से भोपाल पहुंचना शुरु हो जाएगा। संगठन की तरफ से सभी को मंगलवार तक भोपाल पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ रविवार को दिल्ली से भोपाल लौट आए हैं। वे मंगलवार को अपनी टीम के साथ प्रदेश कार्यालय में बैठकर चुनाव के परिणाम देखेंगे। इस दौरान दिग्विजय सिंह भी मौजूद रहेंगे। इसके लिए पीसीसी के कंट्रोल रूम में विशेष रुप से एलईडी स्क्रीन लगाई गई है।
बिहार में नीतीश राज या तेजस्वी को ताज फैसला आज
बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों की मतगणना मंगलवार को एक साथ होगी। यहां बहुमत का आंकड़ा 122 है। मुख्य मुकाबला यूपीए और महागठबंधन के बीच है। यूपीए ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है तो महागठबंधन की ओर से आरजेडी प्रमुख और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव का दावा है। आखिरी चरण में 78 सीटों की वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल जारी हुए थे, जिसमें महागठबंधन की जीत का अंदाजा लगाया गया है। सभी को यह जानने की उत्सुकता भी है कि जेडीयू और आरजेडी की तुलना में भाजपा का प्रदर्शन कैसा रहेगा तथा कांग्रेस कहां तक दम मार पाएगी।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक, पूरे प्रदेश में एक साथ सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। सबसे पहले बैलेट पेपर से डाले गए मतपत्रों की गिनती होगी। सबकुछ ठीक रहा तो सुबह 8:15 बजे ईवीएम के मतों की गिनती शुरू हो जाएगी। चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि ईवीएम से एक राउंड की गणना करने में 15 से 20 मिनट समय लगेगा। यानी पहला रुझान सुबह 8:30 बजे तक आने की उम्मीद है। मतगणना में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के नियमों का पालन अनिवार्य है। मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं। मतगणना में लगे अधिकारियों को मास्क और हैंड सेनेटाइजर बांटे गए हैं।
हिंसा की आशंका में पुलिस अलर्ट
मतगणना के दौरान या रिजल्ट आने के बाद किसी तरह की अप्रिय स्थिति से बचने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। जहां जहां दोनों पक्षों के कार्यकर्ता जुटेंगे, वहां अतिरिक्त नजर रखी जा रही है। हर राउंड की गिनती के बाद नतीजे का ऐलान किया जाएगा। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद अब इंतजार नतीजों का है। इस बार बिहार भर में कुल 55 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। पूर्वी चम्पारण, गया और बेगूसराय में तीन-तीन मतगणना केंद्र बने हैं जबकि मधुबनी, पूर्णिया, सहरसा, दरभंगा, गोपालगंज, भागलपुर, नालंदा, नवादा और बांका में दो केंद्र बनाए गए हैं।

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