हेट स्पीच मामले में रामपुर कोर्ट ने सुनाया फैसला, विधायकी जाएगी
रामपुर। हेट स्पीच मामले में सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने सुनाई है। कोर्ट ने उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। 3 साल की सजा होने के बाद आजम की विधायकी जाना तय हो गया है। इस समय आजम खान रामपुर शहर विधानसभा से विधायक हैं। आजम खान के वकील विनोद यादव ने बताया कि कोर्ट ने उनको 25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। साथ ही उन्हें उच्च अदालत में अपील दायर करने के लिए 7 दिन का टाइम दिया है। 21 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई के लिए आजम खान MP/MLA कोर्ट में पेशी पर नहीं पहुंचे थे, इसलिए इस मामले में अंतिम फैसला नहीं हो सका था। कोर्ट के फैसले को लेकर आजम खान ने कहा कि उन्हें फैसला मंजूर है। वह बोले, ”मैं बहुत कुछ झेल चुका हूं और फिर भी दो पैरों पर चल रहा हूं। देखते हैं आगे क्या होगा?”।
दरअसल, आजम खान पर पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान PM नरेंद्र मोदी और रामपुर के तत्कालीन DM के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप है। यह बयान उन्होंने थाना क्षेत्र मिलक में एक जनसभा में दिया था। इसमें उन्होंने रामपुर में तैनात कई प्रशासनिक अधिकारियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। आजम खान कई मामलों में 27 महीने जेल में रहे, उन्हें इसी साल 20 मई को जमानत मिली थी।
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला की भी जा चुकी है विधायकी
इससे पहले आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधायकी जा चुकी है। मामला आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र से संबंधित था। साल 2017 में उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी। आरोप है कि तब उन्होंने अपना फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया था। तब अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक थे।
इससे पहले आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की भी विधायकी जा चुकी है। मामला आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र से संबंधित था। साल 2017 में उनकी उम्र चुनाव लड़ने के लिए कम थी। आरोप है कि तब उन्होंने अपना फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया था। तब अब्दुल्ला रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक थे।
हाईकोर्ट लखनऊ बेंच के अधिवक्ता प्रमोद तिवारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2013 में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। कोर्ट के मुताबिक, अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा हुई है, तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) निरस्त कर दिया है। इस आदेश के साथ विधानसभा अध्यक्ष सदस्यता रद्द करने का आदेश पारित करेंगे।
2019 में वीडियो मॉनिटरिंग टीम ने लिखवाया था मुकदमा
साल 2019 में थाना मिलक में वीडियो मॉनिटरिंग टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान प्रभारी ने हेट स्पीच मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था। यह मामला MP/MLA कोर्ट/एसीजेएम प्रथम निशांत मान की अदालत में चल रहा था।
साल 2019 में थाना मिलक में वीडियो मॉनिटरिंग टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान प्रभारी ने हेट स्पीच मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था। यह मामला MP/MLA कोर्ट/एसीजेएम प्रथम निशांत मान की अदालत में चल रहा था।
आजम खान पर 80 मुकदमे दर्ज थे, कुछ में जमानत मिली
आजम खान पर भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में करीब 80 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें किसानों की जमीन जबरदस्ती हथियाने से लेकर किताबें चुराने, मारपीट करने, बकरी और भैंस चुराने तक के मुकदमे दर्ज किए गए थे। ज्यादातर मामलों में उनको जमानत मिल चुकी है।उनके ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठ रहे थे। आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आजम ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल किया है। आजम खान रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं।कई अलग-अलग मामलों में सपा विधायक आजम खान 27 महीने तक जेल में रह चुके हैं। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। उनकी रिहाई के दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम और शिवपाल यादव भी मौजूद थे।
आजम खान पर भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में करीब 80 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें किसानों की जमीन जबरदस्ती हथियाने से लेकर किताबें चुराने, मारपीट करने, बकरी और भैंस चुराने तक के मुकदमे दर्ज किए गए थे। ज्यादातर मामलों में उनको जमानत मिल चुकी है।उनके ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठ रहे थे। आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आजम ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल किया है। आजम खान रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं।कई अलग-अलग मामलों में सपा विधायक आजम खान 27 महीने तक जेल में रह चुके हैं। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। उनकी रिहाई के दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम और शिवपाल यादव भी मौजूद थे।
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