जनजातीय मंत्री सुश्री मीना सिंह ने ताला मे किया प्राकट्य पर्व का शुभारंभ
बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मानपुर। दायित्वों का निर्वहन और त्याग की भावना मनुष्य को सर्वमान्य बनाती है। मर्यादा पुरूषोष्तम श्रीराम का जीवन इसका अनुपम उदाहरण है, जिन्होने समाज को जीवन जीने की कला से अवगत कराया। हम सभी को उन्हे आदर्श मानते हुए उनके विचारों को अपने आचरण मे उतारना चाहिये। उक्ताशय के उद्गार शासन की जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह ने गत दिवस ताला बांधवगढ़ मे श्री राम पथ गमन मार्ग पर संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय प्राकट्य पर्व के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये। कार्यक्रम मे कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव, उनकी पत्नी श्रीमती रूचि श्रीवास्तव, अपर कलेक्टर अशोक ओहरी, एसडीएम सिद्दार्थ पटेल, सीईओ जनपद राजेन्द्र शुक्ल, तहसीलदार रमेश परमार, मिथलेश मिश्रा, आशुतोष अग्रवाल, राजेन्द्र तिवारी, सुरेश तिवारी, लक्ष्मण सिंह सहित बड़ी संख्या मे स्थानीय नागरिक उपस्थित थे।
भाग्यशाली है बांधवभूमि
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री सुश्री सिंह ने कहा कि भगवान श्रीराम अनुशासन, त्याग और सद्भावना के प्रतीक हैं। इसी कारण उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। हम सभी बड़भागी हैं कि वन को प्रस्थान करते समय उनके चरण बांधवभूमि पर पडे। उन्होने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर संस्कृति विभाग ने यह आयोजन कर रामनवमी पर्व के उत्साह को बढ़ा दिया है। इसी कड़ी मे आगे दीपोत्सव पर्व भी मनाया जाएगा। सुश्री मीना सिंह ने नागरिकों का आहवान किया कि वे इस तीन दिवसीय पर्व मे अधिक से अधिक संख्या मे सहभागी बने।
कलेक्टर किया कलाकारों का स्वागत
जिला प्रशासन की ओर कलाकारों का माल्यार्पण से स्वागत करते हुए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा जिले मे राष्ट्रीय स्तर के कलाकारों द्वारा भक्ति संध्या आयोजित की जा रही है, जो 10 अप्रैल तक चलेगी। कार्यक्रम की शुरूआत शरद शर्मा गंजबासौदा के दल ने गणेश वंदना के सांथ हुई। इसके बाद भगवान श्री राम के आदर्शो, शबरी प्रसंग पर भक्ति से ओतप्रोत गीतों की प्रस्तुति दी गई। जिससे पूरा वातवरण भक्तिमय हो गया।
आज कार्यक्रम का समापन
शासकीय उमावि ताला प्रांगण मे आयोजित प्राकट्य पर्व आज संपन्न होगा। तीसरे दिन 10 अप्रैल को सुश्री इशिका पांडे एवं साथी बघेली भक्ति गायन और गुरू श्रीप्रसन्नादास जी द्वारा निर्देशित वनवासी लीला नाट्य निषादराज गुह्य की प्रस्तुति देंगे। इन दोनों ही लीलाओं का संगीत संयोजन श्री मिलिन्द त्रिवेदी द्वारा किया गया है।
आचरण मे उतारें श्रीराम के आदर्श
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