आग में जिंदा जलकर 2 वर्षीय बालिका की मौत

गंभीर रुप से जली मां को शहडोल अस्पताल में भर्ती किया
शहडोल/सोनू खान । जिला अंतर्गत पपौन्ध में रविवार सुबह घर में आग लग जाने से एक महिला गंभीर रुप से जल गई जबकि उसकी दो वर्षीय बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई। आग लगने का कारण घरेलू गैस का पाइप लीक होना बताया जा रहा है।
इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (ब्यौहारी) भविष्य भास्कर ने बताया कि पपौन्ध में राम मंदिर के पास रहने वाले गिरजा सोनी की पत्नी रज्जन सोनी उम्र 40 वर्ष सुबह लगभग 10 बजे अपने घर के किचन में नाश्ता बना रही थी। उसके करीब ही उसकी दो साल की बेटी खुशी सोनी बैठकर नाश्ता कर रही थी। तभी अचानक कमरे में आग लग गई  जिसकी चपेट में मां और बेटी दोनों आ गई। श्री भास्कर ने बताया कि रज्जन सोनी जलती हुई हालत में चिल्लाते हुए कमरे से बाहर निकली। जिसके बाद वही करीब में मौजूद उसकी 11 वर्ष की बेटी राखी ने हल्ला मचाया। हल्ला सुनकर आसपास के लोग वहां पहुंचे और काफी मशक्कत के बाद आग बुझाइ जा सकी। आग बुझने के बाद जब लोग कमरे में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि 2 वर्षीय खुशी सोनी की जलकर मौके पर ही मौत हो चुकी है। गंभीर रुप से जल जाने के कारण रज्जन सोनी को इलाज के लिए शहडोल रेफर कर दिया गया। अनुवभागीय अधिकारी पुलिस श्री भास्कर ने बताया कि आग लगने का कारण घरेलू गैस के पाइप से गैस का रिसाव सामने आया है। उन्होंने बताया कि किचन में प्लेटफार्म ना होने के कारण रज्जन सोनी गैस चूल्हे को जमीन पर रखकर नाश्ता बना रही थी। जिस वक्त यह घटना घटित हुई महिला का पति दुकान गया हुआ था।
दस्तावेजों के परीक्षण हेतु एसडीएम अधिकृत
शहडोल। विहित प्राधिकारी,संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मध्यप्रदेश  ने आदेश जारी कर  कहा है कि, खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 हेतु समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा उपार्जन की सुचारू क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के समस्त वेयरहाउस से धान, ज्वार एवं बाजरा के भंडारण संबंधी लेखों, रिकॉर्ड एवं दस्तावेजों के परीक्षण हेतु मध्य प्रदेश कृषि गोदाम नियम 1961 के नियम 33(3) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सभी जिलों में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को अधिकृत किया गया है। जारी आदेश में कहा गया है कि परीक्षण अवधि तक धान, ज्वार एवं बाजरा (कृषकों से भंडारित धान ज्वार एवं बाजरा को छोड़कर) की निकासी पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई गई है, अति आवश्यक होने पर कलेक्टर अथवा उनके द्वारा अधिकृत अधिकारी की पूर्व अनुमति से उक्त भंडारित स्कंध की निकासी की जा सकेगी।
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