मुकेश यादव को मौत के घाट उतारने वाले टाईगर की तलाश मे जुटा अमला
बांधवभूमि, उमरिया
बीते रविवार की शाम बांधवगढ़ नेशनल पार्क के मानपुर बफर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम खिचकिड़ी मे बाघ द्वारा की गई बालक की हत्या के बाद जहां इलाके मे दहशत का माहौल है, वहीं पार्क प्रबंधन इस घटना की जांच मे जुट गया है। हादसे के बाद से ही विभागीय अमला हाथियों के सांथ जंगल मे बाघ की तलाश कर रहा है ताकि उसके बारे मे जानकारी हांसिल हो सके। हलांकि अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिल सका है। इस बीच पोस्टमार्टम के बाद मृतक किशोर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। गौरतलब है कि गत दिवस ग्राम पंचायत खिचकिडी के पटपरिहा गांव का मुकेश पिता गुलीचंद शाम 6 बजे अपने खेत की ओर जा रहा था, इसी दौरान अरहर के खेत मे छिपे बाघ ने उस पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं बाघ मुकेश को उठा कर जंगल की ओर ले गया और कुछ दूरी पर बालक छोड़ कर भाग खड़ा हुआ। जब तक परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचते उसकी मृत्यु हो चुकी थी।
बुझ गया घर का चिराग
ग्रामीणो से मिली जानकारी के बाद शासन की जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह द्वारा दिये गये निर्देश के उपरांत पार्क प्रबंधन सक्रिय हुआ। पुलिस और विभागीय टीम ने तत्काल मौके पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया और कार्यवाही शुरू की। बताया गया है कि मृतक मुकेश गुलीचंद का एक मात्र बेटा था, इसके अलावा उसकी 6 बेटियां हैं। इस दुखद घटना ने यादव परिवार का चिराग ही बुझा दिया है।
तो क्या इसलिये हुआ हादसा
बाघ द्वारा आदमी पर हमला करने के पीछे कई कारण होते हैं। वन्य जीव विशेषज्ञों का मानना है कि रविवार की घटना शिकार मे खलल पडऩे के कारण होने की ज्यादा संभावना है। क्योंकि बाघ ने किशोर को मारने के बाद वहीं पर एक बछड़े का भी किल किया था। हो सकता है कि जिस समय वह अरहर के खेत मे छिप कर किसी शिकार पर हमले की तैयारी कर था और उसी समय बालक वहां पंहुच गया। जिससे बाघ ने हिंसक हो कर उसे ही अपना निवाला बना लिया।
ये भी हो सकते कारण
जानकारों ने बताया कि यदि बाघ अपने शावकों के सांथ हो, या शिकार के करीब हो ऐसे मे अक्सर अचानक सामने पड़े व्यक्ति पर वे हमला कर देते हैं। घायल या उम्रदराज होने से शिकार करने मे अक्षम बाघ आमतौर पर ऐसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। नये रंगरूट बाघ तो राह चलते ऐसी हरकतें करते रहते हैं। विभागीय सूत्रों का अनुमान है कि बालक को मौत की नींद सुलाने वाला बाघ बिल्कुल नया-नया है।
हर पहलू की होगी पड़ताल
टाईगर के हमले मे पटपरिहा ग्राम के युवक की मौत को गंभीरता से लेते हुए बाघ की तलाश की जा रही है। बाघ ने इस घटना को क्यों अंजाम दिया, यह जानने के लिये उसकी पहचान और फिटनेस की जानकारी होना जरूरी है। हमे यह देखना होगा कि बाघ शिकार करने मे सक्षम है, स्वस्थ्य है अथवा नहीं। सांथ ही वह किस मादा की संतान है। यह सबकुछ उसके मिलने पर ही पता चल सकेगा। बहरहाल बाघ मैनईटर है, इसकी संभावना बेहद कम है।
लवित भारती
उप संचालक
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व
उमरिया
आखिर बाघ ने क्यों किया किशोर पर हमला
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