आक्रोष से झुका रेल प्रशासन

आक्रोष से झुका रेल प्रशासन
उमरिया मे दिया नई ट्रेन का स्टापेज, जारी किया गया संशोधित टाईम टेबल
बांधवभूमि, उमरिया
वर्षो से जिले की उपेक्षा कर रहे रेल प्रशासन को इस बार नागरिकों के आक्रोष के आगे झुकना पड़ा है। विभाग ने अंतत: आज 14 जुलाई से अंबिकापुर-हजरत निजामुद्दीन के बीच चलने वाली नई साप्ताहिक ट्रेन का स्टापेज उमरिया मे देने का ऐलान कर दिया। संशोधित टाईम टेबल मंगलवार को देर रात जारी कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि रेलवे द्वारा दो दिन पूर्व 00864/04044 अंबिकापुर-हजरत निजामुद्दीन-अंबिकापुर नई यात्री गाड़ी के संचालन की घोषणा की गई थी। रेलवे ने इस बार पहले की तरह रवैया अपनाते हुए उमरिया मे ट्रेन का स्टॉपेज नहीं दिया। जैसे ही यह खबर जिलेवासियों को मिली, लोगों मे भारी आक्रोष फैल गया। सोशल मीडिया पर रेलवे के सांथ केन्द्र सरकार और सांसद पर भी कमेन्ट किये जाने लगे। शाम होते-होते नागरिकों का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा।
कांग्रेस ने की धिक्कार दिवस की घोषणा
इधर जिले के सांथ लगातार हो रहे अन्याय को देखते हुए मप्र कांग्रेस कमेटी के महासचिव अजय सिंह ने फेसबुक पर ही रेलवे के खिलाफ धिक्कार दिवस मनाने की घोषणा कर दी तो आम जनता क्षेत्रीय सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह को घेरने लगी। लोगों का कहना था कि जिले की लगातार उपेक्षा की जा रही है, पर सांसद मौन है।
रात को आई नई सारणी
ट्रेन का स्टापेज न मिलने के कारण उफन रहे जिलेवासियों के गुस्से की जानकारी जब रेलवे से होते हुए सांसद और सरकार तक पहुंची तब उन्हे अपने निर्णय पर पुर्नविचार करना पड़ा। अभी यह चर्चा चल ही रही थी कि आधी रात को रेल प्रशासन ने ट्रेन की नई समय सारणी जारी की, जिसमे उमरिया का नाम अंकित था।
जिले के सांथ भीषण अन्याय
रेलवे द्वारा लंबे समय से जिलेवासियों के सांथ भीषण अन्याय किया जा रहा है। कभी नई लाईन तो कभी रखरखाव और इंटरलॉकिंग के नाम पर गाडिय़ों को रद्द किया जा रहा है। क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण ट्रेने तो 3-3 साल से बंद हैं। जबकि जो चल रही हैं, उन्हे बार-बार रोका जा रहा है। इसी दौरान मालगाडिय़ां बेरोकटोक चल रही हैं। विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ नेशनल पार्क, कोयला खदाने, ताप विद्युत केन्द्र होने के बावजूद जिला मुख्यालय मे दर्जनो ट्रेनो का स्टापेज नहीं है। इसके अलावा कोरोना के बाद शुरू हुई ट्रेनो का उमरिया, चंदिया, नौरोजाबाद और पाली आदि स्टेशनो पर ठहराव समाप्त कर दिया गया है। रेल विभाग की इस मनमानी से जिले का व्यापार और आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके बावजूद इस मुद्दे पर सरकार के नुमाईन्दे चुप हैं।

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