आईपीएल दुबई में सट्टा शहडोल में…!

आईपीएल दुबई में सट्टा शहडोल में…!
शहडोल/सोनू खान। आईपीएल का क्रेज इन दिनों चरम पर है। मैच शुरू होते ही लोग टीवी के सामने बैठ जाते हैं। लेकिन यह धड़ाधड़ क्रिकेट खेल प्रेमियों के लिए जितना मनोरंजन है, उससे कहीं अधिक यह सटोरियों के लिए कमाई का जरिया बन गया है। संभाग के शहडोल समेत उमारिया, अनूपपुर में रोजाना लाखों के दांव लग रहे हैं। पुलिस भले ही लगातार कार्रवाई कर रही है लेकिन फिर भी  सटोरियों के हौसले और भी ज्यादा बुलंद है। पिछले कुछ महीने पहेले पुलिस ने कई लोगों को आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाते गिरफ्तार किया था, जबकि इनका नेटवर्क इससे कहीं ज्यादा बड़ा और तेज है। संभाग में सटोरिए एक संगठित गिरोह के रूप में काम कर रहे हैं। काले कारोबार की तह तक जाने के लिए जब हमारी टीम ने पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। नाम न छापने की शर्त पर एक सटोरिए ने पूरा खेल उजागर किया। सट्टा खिलाने वालों की एक अजीबो-गरीब भाषा है। जिसको हम कोर्डवर्ड भी कह सकते हैं। महज एक फोन पर दांव लग जाता है और ऐसे ही रद्द भी हो जाता है। हार-जीत की राशि का बकायदा अगले दिन किसी जनरल स्टोर, मोबाइल शॉप या पान की दुकान से भुगतान कर दिया जाता है। “आज फेवरिट कौन है”, ‘सेशन एक पैसे का है”, ‘डिब्बे की आवाज कितनी है”, ‘लंबी पारी हो तो बात कर” यह कोई आम बोलचाल नहीं वे वाक्य हैं जो सटोरिया इस्तेमाल करते हैं। इन वाक्यों से रोजाना लाखों रुपए का खेल होता है। पूरे खेल में चार लेयर होती हैं और इन्हीं के माध्यम से काले कारोबार को अंजाम दिया जाता है। हर शहर में एक प्रमुख सटोरिया होता है, जो नागपुर या मुंबई में बैठे बुकी के संपर्क में रहता है। मुखिया बनने के लिए वह बुकी को एडवांस रकम जमा करता है।  फिर शहर का यही मुखिया अपने अलग-अलग एजेंट बनाता है। वह भी अपने इन एजेंटों से एक निश्चित एडवांस रकम वसूलता है, ताकि वे रुपए खाकर भाग न जाए। ये एजेंट अपने स्तर पर ‘लड़के” तैयार करते हैं, जिन्हें एक खास भाषा में पंटर कहा जाता है। ये पंटर ही आग लोगों से फोन पर बातचीत करके दांव फिक्स करते हैं। खेलने वालों को भी एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है। सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। दिल्ली, मुंबई, गोवा, जबलपुर सहित रायपुर में बैठे बुकी को इनकी भाषा में भाव कहा जाता है। सावधानी इतनी होती है कि एक बार कोई नंबर उपयोग हो गया तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता।
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