शनिवार की रात हुआ हमला, आरोपी गिरफ्तार, भेजे गये नैनी जेल
प्रयागराज। माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई है।अतीक-अशरफ के शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद कसारी-मसारी स्थित कब्रिस्तान में इस्लामिक रीति-रिवाज से दफनाया गया। दोनों के शव को अतीक के बहनोई और दो रिश्तेदार लेकर पहुंचे थे। अतीक के दोनों छोटे बेटों को बाल सुधार गृह से लाया गया था। अतीक के बेटे असद की कब्र के पास ही दोनों की कब्रें खुदवाई गई थीं। अशरफ की बेटी और पत्नी जैनब भी कब्रिस्तान में मौजूद रहीं।कब्रिस्तान में सिर्फ चुनिंदा रिश्तेदारों को जाने दिया गया। कब्रिस्तान से करीब 300 मीटर दूर सभी को रोक दिया गया। मीडियाकर्मियों को कब्रिस्तान के बाहर तक जाने दिया गया। हालांकि उनके नाम और मोबाइल नंबर नोट किए जा रहे थे। पूरे शहर में जगह-जगह फोर्स तैनात है।
पुलिस सुरक्षा के बीच फायरिंग मे हुई थी हत्या
माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात प्रयागराज में हत्या कर दी गई। पुलिस दोनों को मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल ले जा रही थी। पत्रकार साथ-साथ चलते हुए अतीक और अशरफ से सवाल कर रहे थे। इसी बीच तीन हमलावर पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए आए और अतीक के सिर में गोली मार दी, फिर अशरफ पर फायरिंग की। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। इनके नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य हैं। हमले के तुरंत बाद ही तीनों ने सरेंडर कर दिया। लवलेश बांदा, अरुण कासगंज और सनी हमीरपुर का रहने वाला है। उनसे हथियार बरामद किए गए हैं। कॉन्स्टेबल मानसिंह को भी गोली लगी है। सरकारी वकील गुलाब चंद्र अग्रहरी ने बताया- तीनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। यहां अतीक का बेटा अली भी कैद है।
जेल में बंद बेटा बेहोश हो गया
अतीक की मौत की खबर सुनते ही नैनी जेल में बंद अतीक का दूसरा बेटा अली बेहोश हो गया। अतीक के दो नाबालिग बेटे राजरूपपुर बाल सुधार गृह में हैं। उनका टीवी कनेक्शन काट दिया गया। घटना के बाद योगी आदित्यनाथ ने अफसरों के साथ इमरजेंसी मीटिंग की। उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई। संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। मध्य प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ और UP की पूर्व CM मायावती ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दखल देने की मांग की है।
तबियत बिगडऩे पर लाये गये थे कॉल्विन हॉस्पिटल
अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज के सीजेएम कोर्ट ने 13 से 17 अप्रैल तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेजा था। 13 अप्रैल की रात यानी गुरुवार को ही यूपी पुलिस और ATS ने दोनों से पूछताछ शुरू की। ये पूछताछ 23 घंटे तक चली। दोनों से करीब 200 सवाल पूछे गए थे।सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान अतीक ने कबूला था कि वह पाकिस्तान से हथियार की सप्लाई लेता रहा है। अहमदाबाद जेल से उसने ISI एजेंट को फोन किया था। यही नहीं, अतीक ने उमेश पाल हत्याकांड की साजिश का जुर्म भी कबूल किया। अशरफ ने पुलिस को बताया कि किसी चैनल से हथियार पंजाब के एक फॉर्म हाउस तक पहुंच जाते थे।पूछताछ के दौरान अतीक गिड़गिड़ाता रहा। वह बेटे के जनाजे में शामिल होने की मिन्नतें करता रहा। इसी दौरान 14 तारीख की शाम को अतीक की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उसे और अशरफ को एक ही हथकड़ी में प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया।
UP के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा- राज्य में अपराध की पराकाष्ठा हो गई है, अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस सुरक्षा घेरे में सरेआम गोलीबारी करके किसी की हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।