अरब सागर से उठे चक्रवात ने ली तूफान की शक्ल, केरल में देर से पहुंचेगा मानसून

नई दिल्ली। अरब सागर में चक्रवात ने अपना ‎‎विस्तार कर तूफान का रुप ले ‎लिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि चक्रवात बिपारजॉय पिछले 6 घंटों में 2 किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर की ओर बढ़ने के साथ एक बहुत ही भयंकर तूफान में बदल गया। मौसम वैज्ञानिकों ने इससे केरल में मानसून की ‘धीमी’ शुरुआत होने और दक्षिणी प्रायद्वीप के आगे ‘कमजोर’ प्रगति करने का पूर्वानुमान लगाया है। आईएमडी ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि अगले 24 घंटों में चक्रवात के अपनी तीव्रता को बनाए रखते हुए लगभग उत्तर की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके बाद अगले 3 दिनों में यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा। आईएमडी के अनुसार पूर्व-मध्य और उससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर में चक्रवाती तूफान ‘बिपोरजॉय’ पिछले छह घंटे में दो किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर की तरफ बढ़ा और एक गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो गया। यह सुबह करीब साढ़े पांच बजे गोवा से करीब 890 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में, मुंबई से 1,000 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में, पोरबंदर से 1,070 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और कराची से 1,370 किलोमीटर दक्षिण में उसी स्थान पर केंद्रित रहा।
आईएमडी ने मंगलवार को कहा था कि चक्रवात से मानसून की प्रगति प्रभावित होने की संभावना है। हालां‎कि केरल में मानसून आठ या नौ जून को दस्तक दे सकता है। इस दौरान, हल्की बारिश होने ही संभावना है। एजेंसी के अनुसार अरब सागर में ऐसी शक्तिशाली मौसम प्रणालियां अंदरूनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। चक्रवात के प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में धीमी गति से पहुंच सकता है, लेकिन इसे पश्चिम घाटों से आगे जाने में संघर्ष करना पड़ेगा। हालां‎कि दक्षिण-पश्चिम मानसून आमतौर पर एक जून को केरल में दस्तक देता है। इसके आगमन के समय में सात दिन का अंतर हो सकता है।
आईएमडी ने मई के मध्य में कहा था कि मानसून चार जून तक केरल पहुंच सकता है। गौरतलब है ‎कि दक्षिण-पूर्वी मानसून ने पिछले साल 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को केरल में दस्तक दी थी। आईएमडी ने पहले कहा था कि अल-नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की संभावना है।
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आईएमडी ने मछुआरों को 10 जून तक समुद्र में न जाने की चेतावनी जारी की है। वर्तमान में समुद्र में मौजूद मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

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