लखनऊ । अयोध्या के सरयू तट पर लक्ष्मण किला परिसर में आयोजित फिल्मी कलाकारों की रामलीला में शाहबाज खान ने रावण की भूमिका में गहरी छाप छोड़ी है। अभी तक कई फिल्मों और धारावाहिकों में काम कर चुके शाहबाज ने कहा कि अयोध्या में रामलीला मंचन कर उनका जीवन धन्य हो गया है। अयोध्या में अभिनय करने का आनंद शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता है। अयोध्या की धरती ने हमेशा शांति व सौहार्द का पैगाम दिया है। रामलीला के माध्यम से हम कलाकार भी पूरे देश को यही संदेश देना चाहते हैं। शाहबाज रामलीला में रावण के किरदार को जीवंत करते नजर आ रहे हैं। अपने संवाद और अभिनय से उन्होंने लोगों के मन पर गहरी छाप छोड़ी है। रामलीला का आयोजन प्रतिदिन शाम सात बजे किया जा रहा है। जिसका प्रसारण यूट्यूब व सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है। वहीं, बुधवार को सरयू तट स्थित लक्ष्मण किला परिसर में फिल्मी कलाकारों की वर्चुअल रामलीला के पांचवें दिन सीता हरण का मार्मिक दृश्य देख दर्शकों की अश्रुधारा बहती रही। स्पेशल इफेक्ट के साथ लीला मंचन आकर्षण का केंद्र रहा। अगस्त्य मुनि के आश्रम में राम, लक्ष्मण व सीता पहुंचते हैं और मुनि से आशीर्वाद लेते हैं। इसके बाद पंचवटी का प्रसंग आता है। पंचवटी की भव्यता देख दर्शक निहाल हो उठते हैं। यहां पर राम कुटिया का निर्माण करते हैं। अगले दृश्य में सुपर्णखा का प्रवेश होता है। वह राम व लक्ष्मण को देखकर मोहित हो जाती हैं। वह श्रीराम से विवाह का प्रस्ताव रखती है। राम के आदेश पर लक्ष्मण सुपर्णखा की नाक काट देते हैं। वह विलाप करती हुई खर दूषण के दरबार पहुंचकर अपनी दुर्दशा बताती हैं। खर दूषण उसे लेकर पंचवटी जाते हैं जहां राम से उनका युद्ध होता है। जिसमें खर व दूषण राम के हाथों मारे जाते हैं। इसके बाद सुपर्णखा रावण के दरबार पहुंचकर विलाप करती हैं और खर दूषण के वध की सूचना देती हैं। जिस पर रावण क्रोधित हो जाता है। इसके बाद रावण साधु के भेष में आता है और सीता का हरण कर लेता है। सीता का हरण होते ही राम शोक में डूब जाते हैं और घोर विलाप करते हैं। सीता हरण के मंचन का मार्मिक दृश्य देखकर लोग भावविभोर हो गए। अगले दृश्य में गिद्धराज जटायु व रावण का युद्ध होता है जिसमें वह रावण के हाथों घायल हो जाता है। राम सीता की खोज करते- करते जटायु से मिलते हैं। राम सीता की खोज में आगे बढ़ते हैं, जहां वे सबरी से मिलते हैं। सबरी प्रसंग के साथ ही पांचवें दिन की लीला का समापन होता है।
अयोध्या: रावण के किरदार में शहबाज खान ने छोड़ी गहरी छाप, बोले- रामलीला मंचन कर जीवन धन्य हो गया
Advertisements
Advertisements
Almost everything is extremely open up with a extremely obvious clarification of the problems. It absolutely was surely instructive. Your internet site is extremely helpful. Many thanks for sharing!