अमृत भारत मे नहीं उमरिया का नाम

अमृत भारत मे नहीं उमरिया का नाम
प्रधानमंत्री द्वारा लांच योजना की सूची से भी हुए बाहर, नुमाईन्दों पर सबकी निगाह

बांधवभूमि, उमरिया

जिला मुख्यालय का नाम केन्द्र सरकार की महात्वाकांक्षी अमृत भारत योजना मे न होने से नागरिकों मे भारी क्षोभ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा रविवार, 6 अगस्त को देश के 506 रेलवे स्टेशनो मे होने वाले जीर्णोद्धार का वर्चुअल भूमिपूजन किया। इसमे मध्यप्रदेश के 34 स्टेशन शामिल हैं। जब से पीएम के कार्यक्रम की जानकारी हुई, तभी से लोगो मे इस बात को लेकर भारी उत्सुकताा थी, परंतु जैसे ही विवरण सामने आया और उमरिया का नाम सूची से नदारत दिखा, जिले मे निराशा फैल गई। बताया गया है कि इस योजना के तहत रेलवे स्टेशनो की पुर्नसज्जा, नई लाईने बिछाने, शत-प्रतिशत विद्युतीकरण, यात्रियों एव परिसंत्तियों की संरक्षा के लिये व्यापक गतिविधियां की जानी हैं।

कहीं हांथ से न निकल जाय योजना
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले उमरिया सहित दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 49 स्टेशनो को अमृत भारत योजना मे शामिल करने की चर्चायें जोरों पर थी। इतना ही नहीं उमरिया स्टेशन के संभावित सौंदर्यीकरण का मैप तक सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, परंतु रविवार को योजना के शुभारंभ मे नाम नहीं होने से अब नागरिकों को यह डर सताने लगा है, कि कहीं उनका नगर इस सौगात से वंचित न रह जाय। इस चिंता का मुख्य कारण दिल्ली दरबार मे क्षेत्र की बात रखने वाले निर्वाचित जनप्रतिधियों का ट्रैक रिकार्ड है। चाहे ट्रेनो का स्टापेज हो या नई रेल सुविधाओं का मुद्दा। इन नुमाईन्दों के मौन ने हमेशा क्षेत्र को नीचा दिखाने का काम ही किया है।

रेलवे की नजर मे नहीं उमरिया का महत्व
उमरिया जिला दुर्लभ बाघों तथा सुरम्य वनो लिये पहचाना जाता है। शायद ही दुनिया का कोई ऐसा सैलानी होगा जो बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के नाम से अपरिचित हो। यहां का कोयला, फायरक्ले जैसे कई मूल्यवान खनिज और संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र वर्षो से देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और विकास मे अहम योगदान देता चला आ रहा है। चाहे नवरात्र हों या फिर मोहर्रम। भारत के कोने-कोने से हजारों लोग हर साल यहां के तीज-त्यौहारों मे शामिल होने पहुंचते हैं। इसके बावजूद रेलवे की उपेक्षा यह साबित करती है कि उसके लिये उमरिया एक महत्वहीन स्थान से ज्यादा कुछ भी नहीं है।

लिस्ट मे शहडोल संभाग का एक भी स्टेशन नहीं
मजे की बात यह है कि जिन स्टेशनो के जीर्णोद्धार का भूमिपूजन प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है, उनमे शहडोल संभाग का एक भी स्टेशन शामिल नहीं है। हलांकि सूची मे कटनी के सभी स्टेशनो को लिया गया है। इसके लिये जरूर वहां के सांसद और जनप्रतिनिधियों ने गंभीर प्रयास किये होंगे। जिसके लिये वे और वहां की जनता बधाई के पात्र हैं।

रुठियाई, घोड़ाडोंगरी से भी गए बीते हम
अमृत भारत योजना के तहत लिए गए मध्यप्रदेश के स्टेशनों मे जिन शहरों का नाम है, उसने शहडोल संभाग को अपनी औकात का एक बार फिर अहसाह करा दिया है। जिन स्टेशनो का वर्चुअल शुभारंभ हुआ है, उनमे करेली, गाडरवारा, आमला बनापुरा, बैतूल, ब्यावरा, राजगढ़, डबरा, दमोह, देवास, गंजबासौदा, घोड़ाडोंगरी, गुना, हरदा, इटारसी, जुन्नारदेव, कटनी, कटनी मुड़वारा, कटनी साउथ, खजुराहो, मैहर, मुलताई, नर्मदापुरम, नेपानगर, पांढुर्ना, रीवा, रुठियाई, संत हिरदाराम नगर, सागर, शामगढ, शिवपुरी, श्रीधाम, सिहोरा रोड, विदिशा, विक्रमगढ़, आलोट आदि सम्मिलित हैं।

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