अब हत्या पर दर्ज होगी धारा 101, ठगी कहलाएगा
316 का जुर्म
संसद में तीन कानून पास होने के बाद भारतीय दंड विधान (IPC) की 153 धाराएं घटीं, क्रम भी बदलेगा
बांधवभूमि न्यूज
देश, नई दिल्ली
संक्षिप्त
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में 511 धाराएं थीं, लेकिन भारतीय न्याय संहिता में धाराएं 358 रह गई हैं। आपराधिक कानून में बदलाव के साथ ही इसमें शामिल धाराओं का क्रम भी बदल गया है।
विस्तार
हाल ही में संसद द्वारा पारित तीन विधेयकों ने अब कानून का रूप ले लिया है। देश में अंग्रेजों के जमाने के इन आपराधिक कानूनों की जगह लेने वाले तीन संशोधन विधेयकों को सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी। तीनों नए कानून अब भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता व भारतीय साक्ष्य अधिनियम कहे जाएंगे, जो क्रमश: भारतीय दंड संहिता (1860), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (1898) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (1872) का स्थान लेंगे। कानूनों में बदलाव के साथ ही इनमें शामिल धाराओं का क्रम भी बदल गया है। आइये जानते हैं आईपीसी की कुछ अहम धाराओं के बदलाव के बारे में? अब इन्हे किस क्रम में रखा गया है? वे पहले किस स्थान पर थीं?