अब बस अड्डे की जमीन पर माफियाओं की गिद्ध दृष्टि
शासकीय भूमि को लील रहा अतिक्रमण, राजस्व अधिकारियों ने साधी चुप्पी
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। विगत कई वर्षो से सर्वसुविधायुक्त बस स्टेण्ड के लिये तरस रहे नागरिकों को शासन द्वारा इस कार्य के लिये जमीन तो दे दी गई है लेकिन उस पर माफियाओं की गिद्ध दृष्टि लग चुकी है। बस स्टेण्ड के लिये आवंटित शासकीय भूमि पर अतिक्रमण शुरू हो गया है। इसे हथियाने वाले भू माफियाओं को राजस्व विभाग का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। यदि यही हाल रहा तो पूरी जमीन पर अवैध कब्जा हो जायेगा और लोगों को इस सौगात से भी हांथ धोना पड़ेगा।
जेबें भर कर रूंध रहे जमीन
उल्लेखनीय है कि नगर के मानपुर-गोवर्दें रोड पर शासन द्वारा आराजी खसरा नं.159/1क, रकबा 1.011 हेक्टर की भूमि इंटरसिटी ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी परिवहन अधोसंरचना एवं बस अड्डा निर्माण हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिनांक 13/08/2018 को राजस्व प्रकरण क्रमांक.01/अ/19(3) 2016-17 के तहत आरक्षित कर आवंटित कर दी गई थी। कुछ ही दिनो बाद ही इस भूमि पर अतिक्रमण होना शुरू हो गया। खास बात यह भी है, उक्त जमीन मानपुर तहसील कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर स्थित है, इसके बावजूद न तो अतिक्रमण पर जिम्मेदार अधिकारियों की नजर पड़ रही है नां ही कर्मचारियों की। कहा तो यह भी जा रहा है कि अतिक्रमण का सारा खेल मानपुर के आला अधिकारियों की मिलीभगत से ही हो रहा है और इसके लिये उनकी जेबें भी भरी जा रही है।
स्थगन के बाद भी निर्माण
बताया गया है कि बस स्टेण्ड की जमीन के बड़े भाग पर तीरथ प्रसाद पिता बाला प्रसाद बानी द्वारा बाड़ लगा कर फेंसिंग की गई। बाद मे इस पर खेती की जाने लगी। गत 26/09/2019 को तहसीलदार मानपुर द्वारा स्थगन आदेश जारी कर उक्त जमीन पर कोई भी कार्य न करने हेतु निर्देशित जारी किया गया था परंतु इसके बावजूद अतिक्रमणकारी द्वारा भूमि पर गड्ढे खुदवा कर पिलर का निर्माण किया जा रहा है। शासन की बेशकीमती जमीन को हड़पने की साजिश पर यदि समय रहते नकेल नहीं कसी गई तो इस पर पक्की बिल्डिंग तान दी जायेगी और विकास की यह उम्मीद कानूनी पचड़ों मे उलझ कर रह जायेगी।
कलेक्टर से लगाई गुहार
स्थानीय नागरिकों ने जिले के कलेक्टर से शासकीय भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने तथा तत्काल बस स्टेण्ड का निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की है। उनका आरोप है कि अतिक्रमणकारी मानपुर के राजस्व अमले की मिलीभगत से उक्त बेशकीमती आराजी पर निर्माण किये जा रहा है। उन्होने इस अवैध निर्माण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।