अब पूरब से उठे तूफान का खतरा

ओडिशा-बंगाल समेत 5 राज्यों को केंद्र का अलर्ट
कोलकाता । ताऊ ते के बाद अब देश के सामने यास तूफान का खतरा मंडरा रहा है। ये तूफान उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी से उठेगा। 24 मई तक इसके चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। खतरे को देखते हुए केंद्र ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल, तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार को अलर्ट किया है। केंद्र के मुताबिक, 26 मई को तूफान बंगाल के तटों से टकराएगा। केंद्र ने पांचों राज्यों से कहा है कि कोविड मरीजों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की तैयारी रखें। सभी अस्पतालों में पर्याप्त पावर बैकअप होना चाहिए।
कोस्ट गार्ड भी तैयार
इंडियन कोस्ट गार्ड ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हवाई यूनिट, जहाजों, एम्बुलेंस और डॉक्टरों की टीम को स्टैंडबाय पर रखा है। यहां के तटीय इलाकों और समुद्र में मछली पकडऩे पर भी रोक लगा दी गई है। मछुआरों को करीब के बंदरगाह पर लौटने के लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं। आईसीजी की तरफ से आसपास के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बंदरगाहों पर मौजूद लोगों की जानकारी रखने की अपील की है।
लगातार मौसम पर रखी जा रही निगरानी
आईसीजी के प्रवक्ता के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में मौसम पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के अलावा अंडमान और निकोबार द्वीपों में आईसीजी रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन की मदद से अलर्ट भेजे जा रहे हैं। एमएमबी रेडियो पर अंग्रेजी और लोकल भाषा में कमर्शियल जहाजों, मछली पकडऩे वाली नौकाओं, मत्स्य सर्वेक्षण, अनुसंधान में लगे जहाजों, तेल रिग, आवास बार्ज, अपतटीय विकास क्षेत्रों आदि के जहाजों को अलर्ट रहने के लिए प्रसारण किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नेट एक्टिव किया
इसके अलावा जहाजों को लंगरगाह में आश्रय लेने और आवश्यक सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी गई। नैवेटेक्स अलर्ट लगातार जारी किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नेट को एक्टिव कर दिया गया। बंदरगाह प्राधिकरणों, तेल रिग संचालकों, मत्स्य अधिकारियों और मछुआरा संघों को भी जानकारी दे दी गई है।

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