अब तक केन्द्रों मे नहीं पहुंची धान

अब तक केन्द्रों मे नहीं पहुंची धान
6वें दिन भी उपार्जन शून्य, जिले मे 90 हजार टन खरीदी का लक्ष्य
बांधवभूमि, उमरिया। जिले मे कल 6वें दिन भी धान के उपार्जन का कार्य शुरू नहीं हो सका। हलांकि प्रशासन ने तय 41 मे से 36 खरीदी केन्द्रों पर सभी आवश्यक तैयारियां कर रखी हैं परंतु अभी तक कोई भी किसान अपनी फसल लेकर वहां नहीं पहुंचा है। जानकारी के अनुसार गत 29 नवंबर से जिले मे धान की खरीदी चालू हो चुकी है, जो कि 15 जनवरी 2022 तक जारी रहेगी। इस बार जिले मे कुल 41 उपार्जन केन्द्र बनाये गये हैं, जिनमे से 5 स्व सहायता समूंहों को सौंपे जायेंगे। इसके लिये शासन स्तर पर अनुमोदन सहित अन्य कार्यवाही जारी है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसके पूरे होते ही इन 5 केन्द्रों पर भी उपार्जन प्रारंभ हो जायेगा। उल्लेखनीय है कि उपार्जन की धीमी गति के कारण हर बार किसानो को अपना माल तुलवाने मे काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इतना ही नहीं अंतिम दिनो मे पोर्टल भी जवाब दे जाता है। ऐसी स्थिति से बचने के लिये जरूरी है कि उपार्जन की कार्यवाही जल्द और तेजी के सांथ हो ताकि आने वाले दिनो मे मारामारी से बचा जा सके।
90 हजार मीर्टिक टन का लक्ष्य
इस बार जिले मे 90 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उपज की खरीद केन्द्रीय एजेन्सी नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा सोसायटियों के माध्यम से की जानी है। निगम के अधिकारियों ने बताया है कि धान की खरीद से पहले इसके क्वालिटी की पड़ताल की जायेगी। इस कार्य हेतु 18 क्वालिटी कंट्रोलर हायर किये गये हैं। जो केन्द्रों मे आई धान की जांच करेंगे। शासन द्वारा तय मापदंडों पर खरा उतरने पर ही धान की खरीद की जायेगी।
17 प्रतिशत नमी ही मान्य
उपार्जन केन्द्रों मे गीली धान की खरीदी नहीं हो सकेगी। शासन द्वारा नमी के लिये भी अधिकतम 17 प्रतिशत की सीमा तय की गई है। जानकारों का मानना है कि शुरूआती दौर मे पहुंचने वाली धान मे 20 से 25 प्रतिशत नमी होती है। जिसके सूखने पर धान का वजन घट जाता है, इसकी जिम्मेदारी संबंधित उपार्जन केन्द्र, गोदाम संचालक अथवा संबंधित विभाग पर जाती है। ऐसे मे तय सीमा से ज्यादा नमी पाये जाने पर किसान को धान सुखा कर लाने के लिये कहा जायेगा।
आधार लिंक खाते मे ही होगा भुगतान
शासन ने इस बार धान उपार्जन का भुगतान सिर्फ आधार लिंक खातों मे ही करने का फैंसला किया है। इससे पहले तक पंजीकरण के समय किसान द्वारा दिये गये किसी भी बैंक खाते मे उपज का पैसा ट्रांसफर हो जाता था, परंतु अब ऐसा नहीं हो सकेगा। खाद्य विभाग ने समस्त किसानो से आग्रह किया है कि वे उपार्जन के समय ही अपने केन्द्र मे पीकेवाईसी अवश्य करायें ताकि समय पर उपज का भुगतान हो सके।
इस बार भी कोई बोनस नहीं
बीते वर्षो की तरह इस बार भी किसानो को समर्थन मूल्य के सांथ किसी प्रकार का बोनस नहीं दिया जायेगा। सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विंटल 1940 रूपये निर्धारित किया है। कुछ वर्ष पहले तक किसानो को धान और गेहूं पर समर्थन मूल्य के सांथ बोनस भी मिलता था, जो कि अब बंद हो चुका है।
केन्द्रों पर सारी व्यवस्था
सभी केन्द्रो पर बारदाना, सिलाई, तुलाई आदि की समुचित व्यवस्था की गई है। जहां पहुंच कर किसान अपनी फसल का उपार्जन करा सकते हैं। समस्त किसान भाईयों से आग्रह है कि वे पीकेवाईसी के माध्यम से अपने खातों का आधार लिंक जरूर करवायें।
बीएस परिहार
खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी, उमरिया

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