अब कांग्रेस का कर्ज चुकाने की बारी

अब कांग्रेस का कर्ज चुकाने की बारी
चिंतन शिविर मे बोलीं सोनियां गांधी, पीएम मोदी पर किया तीखा प्रहार
उदयपुर। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को चिंतिन शिविर को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार कर आरोप लगाया कि उनके ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ (मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस) का मतलब लगातार ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है। उन्होंने कांग्रेस के ‘नवसंकल्प चिंतिन शिविर’ की शुरुआत के मौके पर पार्टी में बड़े सुधार की बात कर नेताओं का आह्वान किया कि वे ‘विशाल सामूहिक प्रयासों के जरिये पार्टी में नई जान फूंकें क्योंकि अब पार्टी का कर्ज उतारने का समय आ गया है। उनके संबोधन के बाद कांग्रेस के चिंतन शिविर की शुरुआत हुई। सोनिया गांधी ने कहा, चिंतिन शिविर हमें यह अवसर देता है कि हम देश के सामने खड़ी उन चुनौतियों पर चर्चा करें जो भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) द्वारा पैदा की गई हैं। उन्होंने कहा कि शिविर में राष्ट्रीय मुद्दों और संगठन पर ‘बोल्ड चिंतन’ होगा। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधकर कहा, यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और उनके साथियों की ओर से ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ की जो बात की जाती है, उसका क्या मतलब है? इसका मतलब निरंतर ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है।

न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब अल्पसंख्यकों को डराना
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब अल्पसंख्यकों को डराना है जबकि अल्पसंख्यक देश के बराबर के नागरिक हैं। इस सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब राजनीतिक विरोधियों को डराना धमकाना, उन्हें बदनाम करना और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें जेल में डालना है। सोनिया के अनुसार, भाजपा सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब यह है कि इतिहास पर फिर से गौर किया जाए, स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को कमतर किया जाए तथा महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जाए।
उन्होंने कहा, हमारे महान संगठन की ओर से समय समय पर लचीलेपन की उम्मीद की जाती रही है। फिर हमसे उम्मीद की जा रही है कि हम अपना समर्थन और साहस की भावना का परिचय दें।

असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से

सोनिया गांधी ने कहा, हमारे संगठन के समक्ष परिस्थितियां अभूतपूर्व हैं।असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है… हमें सुधार की सख्त जरूरत है। रणनीति में बदलाव की जरूरत है. रोजाना काम करने के तरीके में परिवर्तन की जरूरत है। उन्होंने कहा, मैं यह भी जोर देकर कहना चाहती हूं कि विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हमारा पुनरुत्थान होगा है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं का आह्वान किया, पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब समय है कर्ज उतारने का। हम अपने विचार खुलकर रखें। लेकिन सिर्फ संगठन की मजबूती, दृढ़निश्चय और एकता का संदेश बाहर जाना चाहिए। वहीं गहलोत ने कहा, भाजपा के लिए लोकतंत्र कोई मायने नहीं रखता। इसतरह के फासीवादी लोग धर्म का नाम लेकर सत्ता पर काबिज हो गए। उन्होंने सांप्रदायिक झडप़ों की हालिया घटनाओं का हवाला देकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधकर कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में शांति की अपील करने का नैतिक साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। उनके पास नैतिक साहस नहीं है। गहलोत ने कहा, हम काम करते हैं, मार्केटिंग नहीं करते, लेकिन ये फासीवादी लोग काम कुछ नहीं करते, सिर्फ प्रचार करते हैं।
विचार-विमर्श करने का अवसर
राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार से कांग्रेस का ‘चिंतन शिविर शुरू हो गया है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने उद्धघाटन भाषण में कहा कि यह हमारे आने वाले कई कार्यों पर विचार-विमर्श करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि यह ‘चिंतन’ राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में है और साथ ही पार्टी का ‘आत्मचिंतन’ भी है। सोनिया गांधी ने कहा, मौजूदा वक्त में देश अलग हालातों में है। गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जा रहा है। मुस्लिमों पर हमले किए जा रहे हैं, इसकारण से संवैधानिक संस्थाओं के सामने बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

संगठन में ढांचागत बदलावों जरुरी
सोनिया ने कहा, संगठन में ढांचागत बदलावों जरुरी है। अभूतपूर्व परिस्थितियों का सामना अभूतपूर्व कदम उठाकर करना होता है। हम यह ही करने जा रहे हैं। संगठन की मजबूती, दृढ़ निश्चय और एकता का संदेश बैठक के बाद बाहर जाना चाहिए। उन्होंने कहा, मिली नाकामयाबियों से हम बेखबर नहीं है, न ही हम बेखबर हैं, कठिनाइयों के संघर्ष से, जिसका हमें सामना करना है। हम देश की राजनीति में पार्टी को फिर उस भूमिका में ले जाएंगे, जो पार्टी ने हमेशा निभाई है। इन बिगड़ते हालात में देश की जनता हमसे उम्मीद करती है। हम यहां ईमानदारी से आत्मनिरीक्षण कर रहे हैं, लेकिन हम यह तय करें कि यहां से बाहर निकले तब एक नए आत्म विश्वास, नई ऊर्जा और प्रतिबद्धता से प्रेरित होकर निकले।
इससे पहले कांग्रेस के चिंतन शिविर के मेजबान के तौर पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन राज्यों में चुनाव आने वाले होते हैं, वहीं दंगे होते हैं। उन्होंने कहा कि हम काम बहुत करते हैं, लेकिन कभी मार्केटिंग नहीं करते। गहलोत ने कहा कि ये लोग गुजरात मॉडल जैसी बातें करते हैं, लेकिन काम नहीं करते।

 

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