अप्रैल में कोरोना ने भारत में मचाई तबाही

1 महीने में 45000 मौतें,  दुनिया की हर पांचवी मृत्यु भारत में

नई दिल्ली । भारत में कोरोना वायरस इस वक्त कहर बरपा रहा है। दुनिया में कोरोना के कारण इस वक्त सबसे बुरी स्थिति भारत की ही है। इस साल के शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि भारत ने कोरोना को मात दे दी है। लेकिन मार्च के दौरान से शुरू हुई कोरोना की दूसरी लहर अब बेकाबू हो गई है। हालात ये हैं कि सिर्फ अप्रैल में ही भारत में कोरोना के कारण करीब 45 हजार लोगों की जान चली गई है। अप्रैल महीना भारत के ऊपर आपदा की सुनामी लाया है, हर ओर हाहाकार मचा है। कोरोना की इस सुनामी ने ऐसी तबाही मचाई कि देश के हर हिस्से से दर्द की आवाज निकल गई। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है, कहीं किसी को बेड नहीं मिल रहा है। कोई एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दे रहा है तो कोई ऑक्सीजन ना मिल पाने की वजह से मर रहा है।
एक्टिव केसों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
अप्रैल में कोरोना वायरस ने कैसे भारत में तबाही मचाई है, इसकी गवाही आंकड़े ही दे रहे हैं। एक्टिव केसों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी होने की वजह से अस्पतालों में बेड्स की किल्लत है। देश की राजधानी दिल्ली जहां देशभर से लोग इलाज करवाने के लिए आते हैं, वो खुद बेड्स, ऑक्सीजन के लिए कराह रही है। अप्रैल के इसी महीने में देश में एक बार फिर लॉकडाउन का दौर भी लौटा, क्योंकि राज्यों के पास कोरोना की नई लहर रोकने के लिए कोई और रास्ता ही नहीं बचा था। महाराष्ट्र, दिल्ली, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने अपने यहां वीकली लॉकडाउन, 15 दिनों की पाबंदी, नाइट कफ्र्यू, कंटेनमेंट जोन जैसे कई कड़े फैसले उठाए। अगर सिर्फ अप्रैल के आंकड़े को देखें, तो भारत में करीब 45 हजार लोगों की जान गई है। जबकि एक्टिव केस की संख्या 25 लाख तक बढ़ गई है।
पिछले 24 घंटे में 3498 लोगों की गई जान
देश में कोरोना का कहर बेतहाशा बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में नए मामलों में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है। पहली बार देश में 3 लाख 86 हजार 452 नए मामले सामने आए हैं। वहीं मौत का आंकड़ा भी रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचा है। 24 घंटे में 3498 लोगों की मौत हुई है। वहीं 2 लाख 97 हजार 540 लोग कोरोना से लड़कर स्वस्थ हो चुके हैं। देश के कई राज्यों में कोरोना की रफ्तार बेलगाम हो गई है। गुरुवार को महाराष्ट्र में 66,159 नए केस आए। इसके अलावा केरल में 38,607 और उत्तर प्रदेश में 35,156 नए मामले दर्ज किए गए। महाराष्ट्र में कल 771 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा दिल्ली में 395 और उत्तर प्रदेश में 298 लोग अपनी जान गंवा बैठे।
औसत दैनिक मृत्यु 2,882 हो गई
पिछले सात दिनों में भारत की औसत दैनिक मृत्यु 2,882 हो गई और यह दुनिया में सबसे अधिक है। अमेरिका, ब्राज़ील, मैक्सिको, भारत और ब्रिटेन में कोरोना के कारण सबसे अधिक मौतें हो रही हैं। बीते कुछ दिनों में भारत में मृत्यु दर बहुत तेजी से बढ़ी है। दुनिया में कोरोना से जान गंवाने वाले 5 में से एक भारतीय है। वल्ड्र्रोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक, 29 अप्रैल को दुनिया में 15 हजार से अधिक लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इसमें 3500 से अधिक भारतीय है। ठीक इससे एक दिन पहले यानी 28 अप्रैल को दुनिया में करीब 14 हजार लोगों की मौत हुई। इसमें करीब 3 हजार मौतें भारत में हुई। यानी दुनिया में मरने वाले हर पांच लोगों में एक भारतीय शामिल है।
महाराष्ट्र में 771 लोगों की मौत
महाराष्ट्र में गुरुवार को 66 हजार से ज्यादा कोरोना का नए केस आए हैं, जबकि कोरोना के चलते प्रदेश में 771 लोगों की मौत हुई। महाराष्ट्र में कोरोना से सबसे खराब हालात नागपुर में है, जहां करीब साढ़े सात हजार एक केस आए और कोरोना से 82 लोगों की मौत हुई। उधर, राजधानी मुंबई में 4192 नए केस आए और यहां भी 82 लोगों की जान गई।
दिल्ली में रिकॉर्ड 395 लोगों की मौत
दिल्ली में कोरोना मरीजों की मौत के बढ़ते आंकड़े चिंता बढ़ा रहे हैं। 24 घंटे में दिल्ली में कोरोना से 395 लोगों की मौत हुई, जो राजधानी में एक दिन में कोरोना से मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है। दिल्ली में बीते 24 घंटे में करोना के 24 हजार 235 नए केस आए हैं। दिल्ली में कोरोना संक्रमण की दर 32 फीसदी से भी ज्यादा है।
यूपी में 298 लोगों की मौत
वहीं, यूपी में कोरोना संक्रमण के 35 हजार 156 नए केस आए और 298 लोगों की मौत हुई। प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा मौत राजधानी लखनऊ में हुई, जहां 37 मरीजों की जान चली गई। उधर, नोएडा में कोरोना के 1478 मामले आए और 11 लोगों की मौत हुई, जबकि गाजियाबाद में कोरोना के 898 नए मरीज मिले हैं।
मप्र में 15 दिन में 5484 मौत
मध्य प्रदेश में कोरोना से मौत का सच क्या है। मुख्य विश्राम घाट और कब्रिस्तान के आंकड़ों पर यकीन करें तो 15 दिन में 5484 लोगों की मौत हुई है। इन सभी शवों का कोविड प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार किया गया। भोपाल में सबसे ज्यादा 1663 लोगों की मौत हुई। लेकिन सरकारी आंकड़े एक साल में कोरोना से 5424 लोगों की मौत बता रहे हैं। आंकड़ों में इस जमीन आसमान के अंतर पर अब राज्य मानवाधिकार आयोग ने आला अफसरों से जवाब मांगा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक एक साल मार्च 2020 से 28 अप्रैल 2021 तक 5424 लोगों की मौत कोरोना से हुई। जबकि पिछले 15 दिन में 11 से 25 अप्रैल के बीच कुल 19 जिलों में 12389 मौत हुई। इनमें 6905 सामान्य मौत थीं, जबकि 5484 शवों का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किया गया।
भोपाल में सबसे अधिक 1802 मौत
भोपाल में सबसे ज्यादा 1663, इंदौर में 511 जबलपुर में 969, ग्वालियर में 247, छिंदवाड़ा में 635, उज्जैन में 125, रतलाम में 288, धार में 24, झाबुआ में 15, बड़वानी में 180 खरगोन में 38, खंडवा में 123, बुरहानपुर में 8, सीहोर में 124, विदिशा में 157, सागर में 200, दमोह में 87, टीकमगढ़ में 52 और अशोक नगर में 38 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल का तहत अंतिम संस्कार किया गया।

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