बांधवभूमि, सोनू खान
शहडोल। अनूपपुर जिले से गंगा-जमुनी तहजीब की एक शानदार तस्वीर सामने आई है। यहां मुस्लिम समाज के लोगो ने एक हिन्दू युवक का हिंदू रीतिरिवाज से अंतिम संस्कार किया। दरअसल, युवक की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नही था , इसकी जानकारी पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगो को हुई तो उन लोगों ने अर्थी को सजाया और हिन्दू रीति रियाज से अंतिम संस्कार किया , मुश्लिम समुदाय के लोगो ने हिन्दू युवक का हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर न केवल मानवता की मिशाल पेश की बल्कि हिंदू मुस्लिम एकता और आपसे सौहार्द की मिसाल कायम की है।
शहडोल। अनूपपुर जिले से गंगा-जमुनी तहजीब की एक शानदार तस्वीर सामने आई है। यहां मुस्लिम समाज के लोगो ने एक हिन्दू युवक का हिंदू रीतिरिवाज से अंतिम संस्कार किया। दरअसल, युवक की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार करने वाला कोई नही था , इसकी जानकारी पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगो को हुई तो उन लोगों ने अर्थी को सजाया और हिन्दू रीति रियाज से अंतिम संस्कार किया , मुश्लिम समुदाय के लोगो ने हिन्दू युवक का हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर न केवल मानवता की मिशाल पेश की बल्कि हिंदू मुस्लिम एकता और आपसे सौहार्द की मिसाल कायम की है।
अनूपपुर जिले के कोतमा में हिंदू मुस्लिम एकता का मिसाल देखने को मिला। बबलू भट्ट की मौत के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने क्रिया कर्म की पूरी सामग्री खरीद कर बबलू भट्ट का अंतिम संस्कार कराया।जानकारी के अनुसार बबलू भट्ट निवासी वार्ड नंबर 9 अपनी मां के साथ रहकर ऑटो चलाता था । उसी से अपने परिवार का गुजर-बसर करता था। लंबे अरसे से बबलू बीमार चल रहा था 11 अक्टूबर को तबीयत खराब हो जाने से उसकी मौत हो गई, हालांकि घर पर गरीबी होने के कारण मुस्लिम समाज के लोग आगे आए और हिंदू रीति रिवाज के साथ बबलू का अंतिम संस्कार कराया इस बात की खबर जैसे ही नगर में फैली सभी ने कहा यह हिंदू मुस्लिम एकता का मिसाल है । सर्वधर्म सद्भाव की मिसाल पेश करते हुए कोतमा के इसलामगंज हिंदू समाज के बबलू भट्ट की मौत हो गई। बबलू की स्थिति अच्छी थी नहीं ,इसलिए मुस्लिम समाज ने आगे आकर अंतिम संस्कार के लिए पूरे सामग्री उपलब्ध कराते हुए मुस्लिम समाज के लोगों ने कंधा देकर मुक्तिधाम पहुंचाया। वहीं पर बबलू का अंतिम संस्कार किया गया।
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