चंदिया की उपेक्षा से आक्रोषित जनता सड़क पर, टाऊन हाल से रवाना होगा जुलूस
बांधवभूमि, उमरिया
जिले की चंदिया स्टेशन पर ट्रेनो के स्टापेज तथा अन्य समस्याओं को लेकर गुहार और मनुहार से कोई रास्ता न निकलने के बाद जनता ने अब सड़क पर उतरने का निर्णय ले लिया है। क्षेत्रीय संघर्ष समिति के आहवान पर आज से रेलवे स्टेशन के सामने क्रमिक अनशन शुरू किया जायेगा। नगर के व्यापारियों से अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर आंदोलन को समर्थन देने की अपील की गई है। समिति के अध्यक्ष मिथिलेश मिश्रा ने बताया कि आरंभ मे रोजाना 10-10 लोगों का जत्था अनशन पर बैठेगा। यदि इससे भी बात नहीं बनी तो नगर से गुजरने वाली ट्रेनो को रोका जायेगा। सूत्रों के मुताबिक रेल रोको आंदोलन को समर्थन देने बड़ी संख्या मे क्षेत्र के नागरिकों के पहुंचने की संभावना है।
निराशाजनक रवैया
स्थानीय लोगों का कहना है कि नकेवल चंदिया क्षेत्र बल्कि समूचे उमरिया जिले के प्रति रेलवे का रवैया बेहद निराशाजनक रहा है। प्रतिमांह करोड़ों रूपये का राजस्व कमाने के बावजूद प्रबंधन ने नई ट्रेनो का स्टापेज और सुविधायें देना तो दूर, जो व्यवस्थायें थीं, उन्हे भी छीनना शुरू कर दिया। हालत यह हो गई कि जो गाडिय़ां वर्षो से रूक रहीं थी, कोरोना के बाद उनका ठहराव भी समाप्त कर दिया गया। यही स्थिति जिला मुख्यालय उमरिया की है, जहां आज भी दर्जनो ट्रेने नहीं रोकी जा रही हैं।
जनप्रतिनिधियों का मौन
लोगों के गुस्से को भांप कर जो जनप्रतिनिधि अब रेल मंत्री और विभाग के नाम की चि_ियां सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं। उनके मौन ने ही रेलवे को मनमानी का भरपूर मौका दिया है। शहडोल संभाग से गुजरने वाली ट्रेनो को बिना बताये रद्द करने से लेकर स्टापेज खत्म करना और नई महत्चपूर्ण गाडिय़ों को थ्रू चला कर क्षेत्र के यात्रियों का मजाक उड़ाना तो जैसे आम बात हो गई। चार लाख वोटों से जीत कर दिल्ली दरबार पहुंची हमारी सांसद ने यदि अन्याय का प्रतिरोध किया होता तो रेलवे को इतनी हिम्मत कभी न पड़ती।
प्रशासन ने तैनात किया अधिकारी
चंदिया मे होने वाले आंदोलन को देखते हुए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने अपर कलेक्टर अशोक ओहरी की ड्यूटी लगाई है। उन्होने बताया कि 5 सितंबर को जिला उमरिया अंतर्गत चंदिया रोड रेलवे स्टेशन पर क्षेत्रीय संघर्ष समिति द्वारा रेल रोको आंदोलन किया जाना प्रस्तावित है। इस दौरान कानून व्यवस्था एवं किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये यह कदम उठाया गया है।
अनशन से नहीं माने तो रोकेंगे रेल
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