अधीर रंजन जी, अब ज्यादा हो रहा है

संसद मे कृषि कानून पर बोलने के दौरान टोकाटाकी पर भड़के पीएम मोदी
नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (१० फरवरी) लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के दौरान उठे मुद्दों का जवाब दिए। इस दौरान पीएम मोदी लय में नजर आए। खेती से जुड़े कानूनों का बचाव करते हुए जब उन्होंने बोलना शुरू किया तो कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी टोकने लगे। इस पर पीएम मोदी ने पहले हंसते हुए उन्हें चुप कराया। नोक-झोंक के बीच मोदी ने स्पीकर से कहा कि यह सब भी चलते रहना चाहिए, लेकिन जब टोकाटाकी बढ़ गई तो प्रधानमंत्री भड़क गए। उन्होंने कहा कि अधीर रंजन जी, अब ज्यादा हो रहा है।
इस वजह से शुरू हुआ विवाद
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि न कहीं मंडी बंद हुई और न ही एमएसपी बंद हुई। वहीं, कानून बनने के बाद एमएसपी के तहत खरीद बढ़ी है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकार किसानों की हर बात सुनने के लिए तैयार है। अगर कानून में कोई भी कमी है तो हम उसे दूर करने के लिए तैयार हैं। इस पर अधीर रंजन चौधरी खड़े हो गए और हंगामा करने लगे।
विपक्ष ने 8 बार किया हंगामा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया। इस बीच कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। मोदी के डेढ़ घंटे के भाषण के दौरान विपक्ष ने ८ बार हंगामा किया। छठी बार हंगामे के बाद मोदी तल्ख हो गए और बोले कि यह ज्यादा हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा किसान आंदोलन की पवित्रता है। भारत में आंदोलन का महत्व है, लेकिन जब आंदोलनजीवी पवित्र आंदोलन को अपने लाभ के लिए बर्बाद करने निकलते हैं तो क्या होता है? दंगाबाज, सम्प्रदायवादी, नक्सलवादी जो जेल में बंद हैं, किसान आंदोलन में उनकी मुक्ति की मांग करना कहां तक सही है। इस देश में टोल प्लाजा को सभी सरकारों ने स्वीकार किया है। उस टोल प्लाजा पर कब्जा करना, उसे न चलने देना, ऐसे तरीके पवित्र आंदोलन को अपवित्र करने का प्रयास नहीं है? जब पंजाब में टेलीकॉम टावर तोड़ दिए जाएं तो वे किसानों की मांग से जुड़े हैं? किसानों के आंदोलन को अपवित्र करने का काम आंदोलनजीवियों ने किया है। देश को आंदोलनजीवियों से बचाना जरूरी है।
किसानों के मन की बात सुन एमएसपी पर कानून लाये सरकार: सरकार
राज्यसभा में कांग्रेस ने बुधवार को सरकार पर अर्थव्यवस्था के ”कुप्रबंधन”  का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र को किसानों के ”मन की बात”  सुनते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून लाना चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने उच्च सदन में कहा कि देश का हर नागरिक चाहता है कि वह आत्मनिर्भर बने।किंतु क्या वर्तमान स्थिति और अर्थव्यवस्था को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि सरकार सही दिशा में आगे जा रही है? उन्होंने सवाल किया कि क्या देश का किसान, दलित, अल्पसंख्यक, छोटे व्यापारी वर्ग तथा एमएसएमई आत्मनिर्भर हैं? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और सरकार के मंत्री कहते हैं कि व्यापारी और निजी कंपनियां किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक पैसा देंगी। तो सरकार कानून बनाकर एमएसपी को अनिवार्य क्यों नहीं कर रही है? उन्होंने दावा किया कि अमेरिका और यूरोप में इस तरह का प्रयोग विफल रहा है।

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