अर्धरात्रि मे हुई सहायिका की भर्ती

जिला पंचायत के जिम्मेदारों की मनमानी, लाखों की लेनदेन का आरोप
उमरिया। जिला पंचायत मे जिम्मेदार अफसरों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। चाहे भ्रष्ट सरपंच, सचिव और रोजगार सहायकों के घोटालों को दबाने का मामला हो, मनमाने तरीके से अपने खास सप्लायरों को फायदा पहुंचाने या फिर भर्ती मे लेनदेन कर पात्र उम्मीदवार की बजाय अपात्रों को नियुक्ति देने की बात। हर जगह नियमो को ताक मे रख निर्णय लिये जा रहे हैं। नया मामला मानपुर जनपद के ग्राम पंचायत सलैया का है जहां बीते दिनो आनन-फानन मे अपात्र होने के बावजूद आगनबाड़ी केन्द्र कुड़ी के कार्यकर्ता की नियुक्ति कर दी गई। जिसके बाद जिला पंचायत के आला अधिकारी पर एक बार फिर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। आरोप है कि इस भर्ती मे दो लाख रूपये से अधिक का लेनदेन हुआ है।
चुपके-चुपके कार्यवाही
बताया गया है कि आगनबाड़ी केन्द्र कुड़ी मे कार्यकर्ता की नियुक्ति हेतु 21 फरवरी 21 को मानपुर जनपद मे आवेदन आमंत्रित किये गये थे। इस पद हेतु लगभग 20 उम्मीदवारों ने आवेदन प्रस्तुत किये थे परंतु कोरोना के कारण यह प्रक्रिया रोक दी गई। बीते 6 अगस्त को अचानक चुपके से अनंतिम सूची जारी हुई तो लोगों के कान खड़े हुए। शिकायतकर्ता प्रतिमा द्विवेदी का कहना है कि 16 तारीख को जब वह जिला पंचायत गई तो सीईओ अंशुल गुप्ता ने उन्हे 7 दिनो मे सूची जारी करने तथा इसकी जानकारी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई।
इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा
जानकारों का मानना है कि इन नियुक्तियों मे मार्कशीट के अंकों के अलावा 10 अंक बीपीएल धारी के भी मिलते हैं। इसी बीच प्रतिमा द्विवेदी ने एक अन्य उम्मीदवार श्रीमती गुंजन द्विवेदी के विरूद्ध उसके गरीबी रेखा से अपात्र होने के संबंध मे आपत्ति दर्ज कराई। शिकायत सही पाये जाने पर तहसीलदार द्वारा 31 अगस्त को श्रीमती गुंजन को बीपीएल सूची से बाहर करने का आदेश जारी कर दिया। यह जानकारी मिलने के बावजूद 1 सितंबर को देर रात नसिर्फ श्रीमती गुंजन द्विवेदी पति रमाकांत द्विवेदी को भर्ती किया गया बल्कि उसे 2 सितंबर को ज्वाईन भी करा दिया गया।
सीएम, कलेक्टर से करेंगे शिकायत
प्रतिमा द्विवेदी के भाई अभिजीत द्विवेदी का कहना है कि यह कार्यवाही धांधली व अन्यायपूर्ण है। इसमे जिम्मेदार अधिकारी सीधे तौर पर शामिल हैं। वे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह तथा कलेक्टर उमरिया से कर के न्याय की मांग करेंगे।
इनका कहना है
इस संबंध मे जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंशुल गुप्ता से जानकारी लेने का प्रयास किया गया परंतु उन्होने मोबाईल रिसीव नहीं किया।

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