अडाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर संसद में हंगामा

कांग्रेस सहित 13 दलों ने की जेपीसी जांच की मांग, निवेशकों के सौ अरब डॉलर स्वाहा 
नई दिल्ली। अडाणी-हिंडनबर्ग मामला संसद में पहुंच गया है। संसद के बजट सत्र का के तीसरे दिन गुरूवार को संसद में कांग्रेस के नेतृत्व में 13 पार्टियों ने अडाणी-हिंडनबर्ग मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए जेपीसी जांच की मांग की। अडाणी ग्रुप पर अनुसंधान समूह हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के हंगामे के बीच गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी नेताओं ने अडाणी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में प्रतिपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे सहित 13 दलों ने सरकार से इस मामले में जांच की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि एलआईसी एसबीआई सहित अन्य सरकारी संस्थानों में जो लोगों का पैसा है उसकी जांच होनी चाहिए और इसकी प्रतिदिन रिपोर्ट जनता के सामने रखी जाए। उधर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से लगाकर अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का दौर जारी है. अब तक उनकी करीब 10 लिस्टेड कंपनियों में करीब 100 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है. हालात ये हैं कि अब वह अमीरों की लिस्ट में 16वें नंबर पर पहुंच गए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर एक फैसला लिया है कि आर्थिक दृष्टि से देश में जो घटनाएं हो रही हैं उसे सदन में उठाना है इसलिए हमने एक नोटिस दिया था। हम इस नोटिस पर चर्चा चाहते थे लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहाकि हमने तय किया कि सदन में इस पर चर्चा करेंगे कि जिनका पैसा एलआईसी में है या अन्य संस्थानों में है वो कैसे बर्बाद हो रहा है। लोगों का पैसा चंद कंपनियों को दिया जा रहा है जिसकी रिपोर्ट आने से कंपनी के शेयर्स गिर गए हैं। विपक्ष ने अडाणी एंटरप्राइजेज पर हिंडनबर्ग शोध रिपोर्ट की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा हम इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच की मांग करते हैं और संसद के अंदर इस मांग को उठाएंगे। हम मांग करते हैं कि कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जानी चाहिए। विपक्ष ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अडाणी मुद्दे को उठाने से रोकने के लिए संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
करोड़ों भारतीयों की बचत खतरे में
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा सरकार ने एलआईसी एसबीआई और अन्य सार्वजनिक संस्थानों द्वारा अडाणी समूह में कथित रूप से जबरन निवेश की जांच के लिए संयुक्त विपक्ष की मांग पर सहमति नहीं जताई। उन्होंने कहा कि सरकार ने करोड़ों भारतीयों की बचत को खतरे में डाल दिया है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के चलते अदाणी प्रकरण को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा अदाणी प्रकरण की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित की जाए या सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई की देखरेख में इस मामले की जांच हो। इस मामले ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ एकजुट होने का मौका दे दिया है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस ने कहा करोड़ों पॉलिसी होल्डर्स की गाढ़ी कमाई खतरे में है।
29 करोड़ पॉलिसी होल्डर व 45 करोड़ खाताधारकों को धोखा
कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने एक प्रेसवार्ता में कहा एलआईसी और एसबीआई में जमा हिस्से को प्रधानमंत्री ने एक ऐसे समूह के हवाले कर दिया जिस पर इस देश के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड का आरोप लगा है। करोड़ों भारतीयों की जमा पूंजी डुबाने में साहेब ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अदाणी पर जो आरोप लगे हैं उसकी जांच कब होगी। मोदी सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर ऐसे चुप्पी साधी हुई है जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है। पीएम को कम से कम भारत के निवेशकों जिसमें एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर और एसबीआई के 45 करोड़ खाताधारक शामिल हैं उन्हें धोखा मत दीजिये।
सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड
कांग्रेस नेता ने कहा अमेरिका की प्रतिष्ठित हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अदाणी समूह पर इस देश के अब तक के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड का आरोप लगाया है। इस रिपोर्ट में 42 गुना ओवरवैल्यूड शेयर डेब्ट फ्यूएलड बिजनेस अदाणी परिवार के सदस्यों द्वारा कथित तौर पर मॉरीशस यूएई और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स-हेवन में बेनामी शेल कंपनियों के माध्यम से एक विशाल मायाजाल द्वारा अरबों रुपये के काले धन का खुलासा हुआ है। इसमें इंसाइडर ट्रेडिंग और स्टॉक मैनिपुलेशन के गंभीर आरोप लगे हैं। एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों में अदाणी समूह का बेहद जोखिम भरा लेन-देन है। मोदी सरकार द्वारा अदाणी समूह की कंपनियों में इन संस्थानों का निवेश किया गया है। अदाणी समुह की कंपनियों में एलआईसी की कुल हिस्सेदारी बीमा कंपनी के एयूएम (असेट अंडर मैनेजमेंट) के एक फीसदी से भी कम है। वहीं अदाणी समुह की अलग-अलग कंपनियों की बात करें तो अदाणी एंटरप्राइजेज में एलआईसी की हिस्सेदारी 4.23 फीसदी है। अदाणी टोटल गैस में यह हिस्सेदारी 1 फीसदी से बढ़कर 5.96 फीसदी पर पहुंच गई है। अदाणी ट्रांसमिशन में एलआईसी की शेयरधारिता 2.42 फीसदी से बढ़कर 3.65 फीसदी हो गई है। अदाणी ग्रीन एनर्जी में यह हिस्सेदारी 1 फीसदी से बढ़कर 1.28 फीसदी हो चुकी है। एलआईसी का आधिकारिक रूप से कहना है कि उनका अदाणी में इक्विटी एक्सपोजर 56142 करोड़ रुपये का है। कंपनी के शेयर गिरने के सिलसिले में गुरुवार तक एलआईसी के 39 करोड़ पॉलिसी धारकों और निवेशकों के 33060 करोड़ रुपये डूब चुके हैं।
चुनिंदा अरबपतियों को नियम बदलकर फायदा
कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार से मांग की है कि इस केस की जेपीएस के माध्यम से जांच कराई जाए। बतौर पवन खेड़ा ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मोदी सरकार ने किस तरह से अपने परम मित्र अदाणी की मदद की है। इस समूह के डूबने से देश की संपत्ति दांव पर है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की देख-रेख में निष्पक्ष जांच हो। इसकी रिपोर्ट दिन-प्रतिदिन सार्वजनिक हो। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से जांच के लिए जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए। एलआईसी एसबीआई और अन्य राष्ट्रीय बैंकों में जो अदाणी का जोखिम भरा निवेश है उस पर संसद में गहन रूप से चर्चा की जाए। निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिएं। पवन खेड़ा ने कहा हमारी पार्टी क्रोनी कैपिटलिज्म के खिलाफ है। चुनिंदा अरबपतियों को जब नियम बदलकर फायदा पहुंचाया जाता है हम उसके खिलाफ हैं।

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