अडाणी-हिंडनबर्ग मामले मे केंद्र का सुझाव नामंजूर

एक्सपर्टस के नाम सीलबंद लिफाफे मे लेने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को केंद्र सरकार को दोहरा झटका लगा। अडाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए एक्सपर्टस के नाम सीलबंद लिफाफे में लेने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। वहीं दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका में सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि मेयर चुनाव में राज्यपाल द्वारा मनोनीत 10 पार्षद (एल्डरमैन) वोट नहीं करेंगे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे के अंदर चुनाव के लिए एमसीडी की पहली बैठक बुलाने के लिए नोटिस जारी करने और पहली बैठक में मेयर का चुनाव कराने के निर्देश दिए।

हिंडनबर्ग पर सुप्रीम कोर्ट बनाएगा अपनी कमिटी
अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना आदेश सुरक्षित रखा। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वे केंद्र द्वारा सीलबंद कवर सुझाव को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह पारदर्शिता बनाए रखना चाहता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच और शेयर बाजार के कामकाज में बेहतरी पर सुझाव देने के लिए एक कमिटी बनाएगा। सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सरकार या किसी याचिकाकर्ता की तरफ से सुझाए गए नामों पर विचार नहीं करेगा। वह अपनी तरफ से कमिटी बनाएगा।

 आदेश रखा सुरक्षित
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वकीलों प्रशांत भूषण और एम एल शर्मा सहित पीआईएल याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद कहा कि हम इसे आदेशों के लिए बंद कर रहे हैं। पीठ ने निवेशकों को हुए नुकसान का जिक्र किया।

 पारदर्शिता पर दिया जोर
पीठ ने कहा कि हम सीलबंद सुझावों को स्वीकार नहीं करेंगे। हम पारदर्शिता सुनिश्चित करना चाहते हैं। अगर हम आपके सुझावों को सीलबंद स्वीकार करते हैं, तो इसका मतलब है कि दूसरे पक्ष को पता नहीं चलेगा। पीठ ने कहा कि हम निवेशकों की सुरक्षा के लिए पूरी पारदर्शिता चाहते हैं। हम एक कमेटी बनाएंगे। सीजेआई ने कहा, वर्तमान (सुप्रीम कोर्ट) जज मामले की सुनवाई कर सकते हैं और वे समिति का हिस्सा नहीं हो सकते हैं। शीर्ष अदालत ने 10 फरवरी को कहा था कि अदाणी समूह के स्टॉक रूट की पृष्ठभूमि में भारतीय निवेशकों के हितों को बाजार की अस्थिरता के खिलाफ संरक्षित करने की आवश्यकता है।

एमसीडी चुनाव में मनोनीत सदस्य नहीं डाल सकेंगे वोट
दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने आज याचिका में सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने कहा कि मेयर चुनाव में राज्यपाल द्वारा मनोनीत 10 पार्षद (एल्डरमैन) वोट नहीं करेंगे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे के अंदर चुनाव के लिए एमसीडी की पहली बैठक बुलाने के लिए नोटिस जारी करने और पहली बैठक में मेयर का चुनाव कराने के निर्देश दिए।सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका आम आदमी पार्टी की नेता डॉ. शैली ओबेरॉय ने उपराज्यपाल के फैसले मनोनीत सदस्यों को मतदान करने की अनुमति को चुनौती देते हुए दायर की थी। इसके साथ ही उन्होंने जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट से आप को बड़ी राहत देते हुए शैली ओबेरॉय की दोनों मांगो को मान लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट करके कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश जनतंत्र की जीत। सुप्रीम कोर्ट का बहुत बहुत शुक्रिया। ढाई महीने बाद अब दिल्ली को मेयर मिलेगा। ये साबित हो गया कि एलजी और बीजेपी मिलकर आये दिन दिल्ली में कैसे गैरकानूनी और असंवैधानिक आदेश पारित कर रहे हैं।

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