अगले एक महीने में ओमिक्रॉन ज्यादा खतरनाक हो सकता

नई दिल्ली। कोविड-19 के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने कई देशों को अपनी चपेट में ले लिया है।नए वेरिएंट के संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं।ब्रिटेन और अमेरिका में ओमिक्रॉन ने अपना डरावना रूप दिखाना शुरू कर दिया है।इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने ओमिक्रॉन को लेकर बड़ी चेतावनी दी है।अर्थशास्त्री गोपीनाथ ने कहा कि अगले एक महीने में ओमिक्रॉन ज्यादा खतरनाक हो सकता है, हालांकि उन्होंने यह भी उम्मीद जाहिर की हैं, कि ओमिक्रॉन डेल्टा की तुलना में कम गंभीर होगा। गोपीनाथ ने कहा कि अगले एक दो महीने में ओमिक्रॉन ज्यादा संक्रामक हो सकता है जिससे संक्रमितों की संख्या में तेजी आ सकती है और इससे अस्पताल भी प्रभावित हो सकते हैं।उन्होंने कहा कि यदि ओमिक्रॉन अपनी रफ्तार बढ़ाता है,तब फिर दुनिया भर में एक बार फिर से यात्रा प्रतिबंध लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय सबसे जरूरी है वैक्सीनेशन, क्योंकि हमें अब भविष्य में कोविड-19 के नए टीके मिलते रहने वाले हैं। आईएमएफ की चीफ इकोनॉमिस्ट का बयान उस समय पर आया है जब ओमिक्रॉन कई देशों में गंभीर रूप से फैल चुका है।भारत में भी तेजी से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं।देश के कुल 11 राज्यों में ओमिक्रॉन फैल चुका है और अब तक इसके 77 मामले सामने आ चुके हैं।
डब्ल्यूएचओ चीफ डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने जानकारी दी थी कि अब तक कुल 77 देश ओमिक्रॉन की चपेट में है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि अगर ओमिक्रॉन कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है, हमारी स्वास्थ्य प्रणाली एक बार फिर से बुरी तरह से ठीक उसी तरह से प्रभावित हो सकती है जिस तरह से डेल्टा के दौरान हुई थी।इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि हमें उम्मीद करनी चाहिए कि दक्षिण अफ्रीका में इस संक्रमण के बाद जो हो (हल्के लक्षण) रहा है भारत में भी उसी तरह का प्रभाव वायरस का दिखे।लेकिन उन्होंने चेताया कि एक हल्का वायरस भी एक स्वास्थ्य प्रणाली को झुकाने की हिम्मत रखता है।

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