लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि मेरे लिए बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर भगवान के समान हैं। उन्होंने कुछ ऐसा किया था कि आज मैं आपके सामने खड़ी हूं। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब के जीवन में जीतनी कठिनाई और चुनौतियां थी, उनकी कामयाबी भी उतनी ही ज्यादा बड़ी थी। उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा है। राष्ट्रपति मुर्मु ने सोमवार को यहां बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के 10वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मेधावी छात्रों को मेडल देकर सम्मानित किया। इस दौरान तीन हजार 808 स्टूडेंट्स को डिग्री दी गई। अपने सम्बोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज डिग्री पाने वाली 42 फीसदी और मेडल पाने वाली 60 फीसदी लड़कियां हैं। ये बहुत खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि कल मैंने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह में भाग लिया। जिससे देश और प्रदेश दोनों को लाभ मिल रहा है। स्टार्ट अप के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर बने। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप करने वाला देश है। विश्वविद्यालय के सभी स्टूडेंट्स से मेरा कहना है कि इसका जरूर फायदा लें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति-जनजाति एडमिशन के लिए 50 प्रतिशत की छूट देना सराहनीय है। मुझे बिरसा मुंडा स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर का शुभारंभ करते समय बहुत खुशी हो रही है। बिरसा मुंडा के नाम पर स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर बनाने के लिए विश्वविद्यालय की पूरी टीम को बधाई देती हूं। उन्होंने कहा कि जीवन में जो कुछ भी बनना चाहे, उसके लिए आज से ही प्रयास करें। लक्ष्य से भ्रमित न हो। होनहार छात्र टीचर का प्रोफेशन अपनाकर देश के भविष्य को सुनहरा बनाने में योगदान दें। अपने संस्कारों और संस्कृति से भी जुड़े। अमृतकाल के समय देश प्रगति में आगे बढ़ रहा है।
अंबेडकर मेरे लिए भगवान जैसे: राष्ट्रपति मुर्मू
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