खत्म हुए इस साल के मुहूर्त, अब मकर संक्रांति के बाद बजेगी शहनाई
उमरिया। इस साल के अंतिम मुहूर्त पर 13 दिसंबर को जिले मे जम कर वैवाहिक कार्यक्रम आयोजित हुए। जगह-जगह ढोल ताशे बजे और बड़ी संंख्या मे लोगों ने इसमे शिरकत की। इसी के सांथ अब आयोजनो पर अधिकांशत: विराम लग गया है। 16 दिसंबर से खरमास लगने के कारण आमतौर पर शादियां नहीं होती। हलांकि इस बीच कुछ कार्यक्रम जरूर आयोजित होंगे। इनमे बहुतायत मे वे लोग शामिल हैं, जो मुहूर्त पर कम विश्वास करते हैं, या जिनके लिये किसी कारणवश लगन निपटाना बेहद जरूरी है। उल्लेखनीय है कि सनातन धर्म मे कुण्डली मिलान तथा शुभ मुहूर्त मे विवाह करना अनिवार्य माना जाता है जबकि अन्य धर्मो मे इस तरह की कोई रोक नहीं है। लिहाजा उनके वैवाहिक आयोजन होते रहेंगे।
कोरोना ने बिगाड़ा खेल
देश मे कोरोना के संक्रमण ने व्यापार और पढ़ाई के बाद जिस चीज पर सबसे ज्यादा असर डाला है, वह है वैवाहिक आयोजन। वर्ष 2020 की शुरूआत से लेकर सितंबर तक विवाह पूरी तरह रूके रहे। इतना ही नहीं जिले मे सैकड़ों लोगों को अपने आयोजन स्थगित करने पड़े। उसके बाद जनवरी तक प्रतिबंधों के बीच किसी कदर आयोजन हुए परंतु नया साल 2021 आते-आते दूसरी लहर ने दस्तक दे दी। इस बार कोरोना के डेल्टा वेरिएन्ट ने कोहराम मचा दिया। जिसमे हजारों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। जब महामारी का तूफान थमा तो मुहूर्त खुलते ही विवाहों की होड़ सी मच गई। हर कोई जल्दी से जल्दी अपने बच्चों का परिणय कराने को बेचैन हो उठा। यही कारण था कि बीते नवंबर और दिसंबर मे सैकड़ों विवाह संपन्न हो गये।
अब ओमीक्रॉन की दस्तक
कोरोना का खतरा एक बार फिर सिर पर मंडरा रहा है। विशेषज्ञों ने इस बार महामारी के नये स्वरूप ओमीक्रॉन की खोज की है, जो पहले से भी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। यह वेरियेंट दक्षिण अफ्रीका के रास्ते देश मे दाखिल हो चुका है। अंदेशा है कि कोविड की तीसरी लहर जनवरी के आसपास तीव्र हो सकती है। ऐसे मे शादियों तथा अन्य आयोजनो पर भी इसका प्रभाव पडऩा स्वाभाविक है।
अगले साल 16 से शुभ मुहूर्त
जब सूर्य धनु राशि और मीन राशि मे रहता है, तो वह खरमास कहलाता है। खरमास मे मांगलिक कार्य वॢजत रहते हैं। इसलिए 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2022 मकर संक्रांति तक मांगलिक कार्यों पर विराम लगा रहेगा। अगले साल जनवरी मे 15, 20, 25, 27 व 30 जनवरी, फरवरी मे 4, 6, 9, 11, 16, 17, मार्च मे मीन की संक्रांति और गुरु अस्त के कारण विवाह नहीं, अप्रैल मे 15, 17, 19, 23, 27, 28, मई मे 2, 4, 9, 20, 24, 26, 31, जून मे 1, 5, 17, 21, 23, 26, जुलाई मे 2, 3, 5, 6, 8, नवंबर मे 4, 27, 28 तथा दिसंबर मे 2, 4, 7, 9, 12 और 15 को शादी के मुहूर्त हैं।
अंतिम दिन भी रही शादियों की धूम
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